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दस फीसदी बचत के चक्कर में खरीद रहे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ां

locationश्योपुरPublished: Feb 27, 2020 08:18:51 pm

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के चलते एक अप्रैल से बीएस-6 मानक की ही गाडिय़ां मिलेगी10 फीसदी महंगी होगी बीएस-6 गाडिय़ां, लेकिन प्रदूषित गैसों का उत्सर्जन होगा 60 से 90 फीसदी तक कम31 मार्च के बाद रजिस्टर्ड नहीं होगी वर्तमान चलन की बीएस-4 मानक की गाडिय़ां

दस फीसदी बचत के चक्कर में खरीद रहे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ां

शोरूम पर रखे दुपहिया वाहन।

श्योपुर. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार आगामी एक अप्रेल से बीएस-6 मानक वाहनों की ही बिक्री हो सकेगी। हालांकि वर्तमान चलन में बीएस-4 गाडिय़ों के मुकाबले बीएस-6 गाडिय़ों की कीमत 10 फीसदी तक ज्यादा होगी, लेकिन इन गाडिय़ों से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन 90 फीसदी तक कम होगा।

बावजूद इसके लोग 10 फीसदी राशि की बचत करने चक्कर में 90 फीसदी ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ां खरीद रहे हैं। यही नहीं दुपहिया वाहन कंपनियों और शोरूम संचालकों द्वारा भी बीएस-4 गाडिय़ों पर छूट भी दी जा रही है। यही कारण है कि बीते एक पखवाड़े में शहर सहित जिले की दुपहिया वाहनों के शोरूमों पर बीएस-4 गाडिय़ों की बिक्री 10 से 15 फीसदी तक बढ़ गई है।

बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण के लिए बनाई बीएस-6 की गाडिय़ां ही 1 अप्रैल से विक्रय की जा सकेंगी। 31 मार्च के बाद बीएस-4 गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, पूर्व में रजिस्टर गाडिय़ां ही चलेंगी। नई गाइडलाइन के मुताबिक सरकार ने आरटीओ को बीएस-4 की रजिस्ट्रेशन की तारीख तय की है। 31 मार्च को गाड़ी बिक्री का टैक्स शोरूम से जमा होता है और आरटीओ ने गाड़ी रजिस्टर्ड नहीं की तो संबंधित गाड़ी नहीं चला सकेगा। वीआईडी (व्हीकल आइडेंटिफिकेशन डिटेल) यानी डीलर गाड़ी बेचने के बाद इसकी डीटेल आरटीओ की वेबसाइट पर डालेगा और गाड़ी आरटीओ में रजिस्टर्ड नहीं होगी तो भी संबंधित को गाड़ी चलाने का अधिकार नहीं होगा। जिले में श्योपुर जिला मुख्यालय के साथ ही बड़ौदा, विजयपुर, कराहल, ढोढर, वीरपुर आदि कस्बों में दुपहिया वाहनों के शोरूम हैं, जिनके पास अभी बीएस-4 वाहनों का स्टॉक है।

बीएस-4 और बीएस-6 में ये है अंतर


दुपहिया वाहनों के लिए केंद्र सरकार ने कुछ मानक तय किए गए हैं, उनमें से बीएस मॉडल भी एक मानक है। बीएस-4 की तुलना में बीएस-6 गाडिय़ां कम प्रदूषण फैलाती हैं। बीएस-6 की गाडिय़ों में कार्बन मोनो ऑक्साइड 1 प्रतिशत, हाइड्रोकार्बन ऑक्साइड 0.1, नॉन मिथेन हाइड्रोकार्बन 0.068 व पर्टिकूलर मेटर 0.0045 है, जबकि बीएस-4 गाडिय़ों में इन गैसों का उत्सर्जन बीएस-6 के मुकाबले 60 से 90 फीसदी तक ज्यादा होता है। ये गैसें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने बीएस-6 वाहनों के ही चलन का निर्णय लिया है। इसके साथ ही बीएस-6 की गाडिय़ों में कार्बोरेटर व चोक सिस्टम भी नहीं दिया है। ऐसे में गाड़ी में ढाई लीटर पेट्रोल रखना अनिवार्य होगा।

छह से 12 हजार रुपए तक महंगी होगी बीएस-6 गाडिय़ां


बीएस-6 स्टैंडर्ड की गाडिय़ों की कीमत भी वर्तमान गाडिय़ों के मुकाबले ज्यादा होगी। दुपहिया वाहन एजेंसी संचालक ओम राठौर कहते हैं बीएस-6 वाहन में 6 हजार रुपए से 12 हजार रुपए तक का इजाफा होगा। इसमें छोटी गाडिय़ों पर 6 से 7 हजार रुपए की कीमत ज्यादा होगी, जबकि बड़ी गाडिय़ों पर 10 से 12 हजार रुपए बढ़ जाएंगे। राठौर ने कहा कि अभी फसल नहीं आई है, लिहाजा वाहन मार्केट में एकदम बूम तो नहीं है, लेकिन रूटीन की बिक्री में थोड़ा इजाफा जरूर हुआ है।

बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च तक ही होगा, इसके बाद बीएस-6 गाडिय़ों का ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। यही नहीं 31 मार्च तक भी उन्हीं वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा, जिनके दस्तावेज 31 मार्च तक हमारे कार्यालय में जमा हो जाएंगे।
एबी कैबरे, जिला परिवहन अधिकारी, श्योपुर
सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिहाज से ही सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार बीएस-6 वाहनों के चलन का निर्णय लिया है। निश्चित रूप से इससे प्रदूषण में कमी आएगी।
ओम राठौर, संचालक, ओम मोटर्स श्योपुर
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