श्योपुर

सरसों की फसल घटी, बढ़ेगा चना का रकबा

. जिले में रबी फसलों की बोवनी तेज हो गई है। हालांकि सरसों की बोवनी लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन ये लक्ष्य के लगभग आधे रकबे में ही बोई जा सकी है। जिसके चलते किसानों का फोकस अब चने की बोवनी पर ज्यादा है।

श्योपुरNov 19, 2020 / 11:55 pm

rishi jaiswal

सरसों की फसल घटी, बढ़ेगा चना का रकबा

श्योपुर. जिले में रबी फसलों की बोवनी तेज हो गई है। हालांकि सरसों की बोवनी लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन ये लक्ष्य के लगभग आधे रकबे में ही बोई जा सकी है। जिसके चलते किसानों का फोकस अब चने की बोवनी पर ज्यादा है। 17 नवंबर तक की स्थिति में जिले में रबी के कुल लक्ष्य के एवज में 33 फीसदी के आसपास बोवनी हो चुकी है।

जिले में इस बार रबी फसलों के लिए 1 लाख 61 हजार 340 हेक्टेयर रकबे में विभिन्न फसलों की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 33 हजार 757 हेक्टेयर रकबे में बोवनी हो चुकी है। हालांकि जिले के चंबल कमांड एरिया में तो किसान का फोकस गेहूं की बोवनी पर है और जो शुरू हो चुकी है, लेकिन असिंचित क्षेत्रों में कृषि विभाग ने 42 हजार हेक्टेयर में सरसों की बोवनी का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 22 हजार 150 हेक्टेयर में ही बोवनी हो पाई है। शुरुआत में तापमान अधिक होने और खेतों में नमी कम होने के कारण कई किसान सरसों की बोवनी नहीं कर पाए। यही वजह है कि अब किसानों का फोकस चने की बोवनी पर ज्यादा है। बताया गया है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े तक चने की बोवनी होगी, जबकि गेहूं की बोवनी भी दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तक चलेगी।

7288 मीट्रिक टन यूरिया बांटा
रबी फसलों की बोवनी के साथ ही इस बार खाद एवं अन्य उर्वरकों के वितरण के लिए भी प्रशासन अलर्ट मोड में है। यही वजह है कि अग्रिम भंडारण के बाद अब लगातार खाद वितरण की प्रक्रिया भी तेज है। इसी के तहत जिले में अभी तक की स्थिति में 7288 मीट्रिक टन यूरिया और 5112 मीट्रिक टन डीएपी खाद का वितरण किया जा चुका है।
गेहूं का भी घटेगा रकबा
कम बारिश के चलते इस बार आवदा बांध से भी किसानों को दो ही पानी मिल रहे हैं, लिहाजा जिले में गेहूं का रकबा घटने की संभावना है। जिले में इस बार 95 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी का लक्ष्य है, जिसकी एवज में अभी तक 7690 हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है, लेकिन चंबल नहर कमांड क्षेत्र को छोडकऱ अन्य इलाकों में गेहूं का रकबा कम रहने की संभावना है।

रबी में गेहूं, चना और सरसों ही मुख्य फसलें रहती हैं। इनमें से सरसों की बोवनी का समय लगभग निकल चुका है। वहीं अब किसान चना व गेहूं की बोवनी चल रही है। जिले में 33 फीसदी से ज्यादा बोवनी हो चुकी है।
पी गुजरे, उपसंचालक कृषि विभाग श्योपुर
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