राजस्थान बॉर्डर पाली पुल से श्योपुर होकर शिवपुरी तक लगभग एक दशक पहले इस हाइवे का निर्माण एमपीआरडीसी द्वारा किया गया था, लेकिन दांतरदा में तभी से एक बड़ा गड्ढा परेशानी का सबब बना हुआ था। हालांकि बीच में कई बार गड्ढे को भरा गया, लेकिन खानापूर्ति ही रही। यही वजह है कि गत वर्ष इस हाइवे को नेशनल हाइवे 552 एक्सटेंशन के रूप में मंजूरी मिली तो मेंटेनेंस का काम एनएच-पीडब्ल्यूडी के पास आ गया। यही वजह है कि गत वर्ष के अंत में दांतरदा के इस गड्ढे सहित लगभग 100 मीटर के टुकड़े का मेंटेनेंस करने के लिए 15 लाख का प्रस्ताव बनाया है और टेंडर प्रक्रिया के बाद काम शुरू कराया गया। विशेष बात यह है कि चंद दिनों के काम को ठेकेदार ने तीन माह तक लटकाए रखा और गत जून की शुरुआत में यहां डामरीकरण किया गया। लेकिन अभी एक महीना भी नहीं बीता है कि मेंटेनेंस में घटिया कार्य की पोल खुल गई।
सडक़ में स्थिति यह है कि कई जगह जहां डामर धंसक गया और गड्ढेे पड़ गए हैं, वहीं बीच में दरारें पड़ गई हैं। जिसके कारण बारिश के सीजन में पूरा डामर उखडक़र बाहर आ जाएगा और सडक़ पर फिर वही गिट्टी और गड्ढे नजर आएंगे। हालांकि विभागीय अफसर मामले को दिखवाकर सडक़ दुरुस्त कराने की बात कह रहे हैं, लेकिन 15 लाख का मेंटेनेंस महज एक माह में ही उखडऩा भी विभागीय लापरवाही को उजागर कर रहा है।
हाईवे में अन्य जगह भी नहीं हुआ मेंटेनेंस
दांतरदा में 100 मीटर के टुकड़े के मेंटेनेंस के साथ ही पाली से श्योपुर, गोरस और श्यामपुर तक में जगह-जगह हो रहे गड्ढे के मेेंटेनेंस के लिए एनएच-पीडब्ल्यूडी विभाग ने अलग से प्रस्ताव बनाया और लगभग 40 लाख रुपए के टेंडर भी हो गए हैं, बावजूद इसके धरातल पर काम नजर नहीं आता है। यही वजह है कि हाइवे में कई जगह गड्ढे हो रहे हैं, जो हादसे का सबब बने हुए हैं। बताया गया है कि 40 लाख के मेंटेनेंस में पाली से श्योपुर होकर गोरस तक 24 किमी और गोरस से श्यामपुर के बीच 8 किमी का रिन्युअल कार्य होना था।
दांतरदा में 100 मीटर के टुकड़े के मेंटेनेंस के साथ ही पाली से श्योपुर, गोरस और श्यामपुर तक में जगह-जगह हो रहे गड्ढे के मेेंटेनेंस के लिए एनएच-पीडब्ल्यूडी विभाग ने अलग से प्रस्ताव बनाया और लगभग 40 लाख रुपए के टेंडर भी हो गए हैं, बावजूद इसके धरातल पर काम नजर नहीं आता है। यही वजह है कि हाइवे में कई जगह गड्ढे हो रहे हैं, जो हादसे का सबब बने हुए हैं। बताया गया है कि 40 लाख के मेंटेनेंस में पाली से श्योपुर होकर गोरस तक 24 किमी और गोरस से श्यामपुर के बीच 8 किमी का रिन्युअल कार्य होना था।
सोंई में हादसे का सबब बना बड़ा गड्ढा
यूं तो नेशनल हाइवे 552 एक्सटेंशन में कई जगह गड्ढे और डामर उखड़ा हुआ है, लेकिन कुछ बड़े गड्ढे परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनमें सोंई का बड़ा गड्ढा हादसे का सबब बना हुआ है। एनएच के सोंई कस्बे में गुरुनाावदा तिराहे पर काफी लंबाई में सडक़ क्षतिग्रस्त हेा रही है, लेकिन यहां मेंटेनेंस कराना तो दूर विभाग ने देखा तक नहीं हैं। यही वजह है कि गत माह एक निजी व्यक्ति ने यहां गिट्टी डालकर आवागमन सुचारू किया।
दांतरदा में कराए गए मेंटेनेंस में यदि अभी से गड्ढे होने लगे हैं तो ये गंभीर मामला है। मैं अभी मुरैना हूं और आकर दिखवाता हूं, साथ ही उसका दोबारा मेंटेनेंस कराया जाएगा।
विजय अवस्थी, सब इंजीनियर एनएच पीडब्ल्यूडी श्योपुर
विजय अवस्थी, सब इंजीनियर एनएच पीडब्ल्यूडी श्योपुर