scriptन वेंटिलेटर, न आईसीयू, विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं, इसलिए सतर्कता जरुरी | Neither ventilator, nor ICU, not even expert doctors, so vigilance is | Patrika News

न वेंटिलेटर, न आईसीयू, विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं, इसलिए सतर्कता जरुरी

locationश्योपुरPublished: Mar 26, 2020 01:48:35 pm

Submitted by:

Anoop Bhargava

– जिला अस्पताल में सिर्फ 200 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था- कोरोना वायरस बढ़ा तो नहीं है जिले में पर्याप्त व्यवस्था

न वेंटिलेटर, न आईसीयू, विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं, इसलिए सतर्कता जरुरी

न वेंटिलेटर, न आईसीयू, विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं, इसलिए सतर्कता जरुरी

श्योपुर
मौत का कारण बनता जा रहा कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो जिला अस्पताल में 200 से ज्यादा मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकेगा। इनमें से सिर्फ दो को ही वेंटिलेटर मिल सकेगा। क्योंकि जिला अस्पताल में इतने ही इंतजाम हैं।संक्रमण बढ़ा तो निपटने के लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। यहां न तो पर्याप्त वेंटिलेटर न आईसीयू और न ही आईसीयू को हैंडल करने वाला प्रशिक्षित कोई विशेषज्ञ है। हालांकि जिला अस्पताल में दस बेड का क्वारेंटाइन वार्ड बनाया गया है। वहीं दो पलंग का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसलिए घर में रहने के साथ सतर्कता जरुरी है।
जिला अस्पताल में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध न होने के साथ ही डॉक्टरों का भी टोटा है। सामान्य दिनों में आने वाले मरीजों को जहां इलाज के लिए न केवल संघर्ष करना पड़ता है बल्कि गंभीर होने पर रैफर कर दिया जाता है। ऐसे में अगर जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो इस पर काबू पाना मुश्किल होगा। ऐसे में जिले की आबादी को न केवल लॉक डाउन का पालन करना चाहिए बल्कि घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पास एन-95 मास्क नहीं
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व कर्मचारियों के पास एन 95 मास्क तक नहीं है। यहां आइसोलेशन वार्ड में दो संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। इसके लिए पर्सनल प्रोटेक्शन किट भी पर्याप्त नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय से पर्सनल प्रोटेक्शन किट आ रही हैं।
सादा मास्क लगाकर कर रहे ड्यूटी
जिला अस्पताल में कोरोना वायरस वार्ड में दो संदिग्ध मरीज भर्ती है इसके बाद भी पैरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों को सादा मास्क लगाकर काम करना पड़ रहा है। एन 95 मास्क किसी भी कर्मचारी के पास नजर नहीं आ रहे हैं। बताते हैं कि अस्पताल में सादा मास्क भी कम पड़ गए हैं। ऐसे में आनन-फानन में मास्क सिलवाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन सुरक्षा कर्मियों और सफाई कर्मचारियों से काम तो ले रहा है लेकिन उनकी सुरक्षापर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
ये होना चाहिए इंतजाम
जिला अस्पताल में पीडि़तों को रखने के लिए वेंटीलेटर नहीं है। इसके अलावा आईसीयू भी होना चाहिए। इसका संचालन करने के लिए स्पेशलिस्ट चाहिए, लेकिन दोनों ही सुविधा नहीं है। ऐसे में इस बीमारी के संदिग्ध मामले सामने पर डॉक्टर सीधे उनका सामना करेंगे। वहीं मरीज को समय पर उपचार न मिलने से जान का जोखिम बना रहता है।
इनका कहना है
हमारे पास दो वेंटिलेटर हैं। इसके साथ ही आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटाइन वार्ड बनाया गया है। मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए भी व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पडऩे पर व्यवस्थाओं में इजाफा किया जाएगा।
डॉ.आरबी गोयल
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो