यही वजह है कि इस सीट पर चुने गए सभी सांसद मुरैना जिले से रहे हैं। इसी के चलते श्योपुर जिला न केवल विकास से अछूता रहा है, बल्कि सांसद निधि में भी श्योपुर के प्रति कंजूसी ही रही है। हालांकि मुरैना जिले से छह विधानसभा सीटें इस लोकसभा में आती है, लेकिन दो विधानसभा वाले जिले श्योपुर में आज भी ब्रॉडगेज सहित अन्य तमाम मुद्दे यथावत हैं।
वहीं दूसरी ओर राजनैतिक दृष्टि से देखें तो ये सीट बीते 23 साल (वर्ष1996 से) से ये सीट भाजपा के कब्जे में हैं। यही वजह है कि अब भाजपा जहां अपना गढ़ बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, वहीं कांग्रेस सीट को पुन: पाने के लिए कमर कस रही है। इसी के तहत इस बार दोनों ही पार्टियां टिकट के लिए काफी माथापच्ची कर रही हैं। बताया गया है कि दोनों ही दलों में लगभग दर्जन भर नाम टिकट की कतार में हैं।
वहीं दूसरी ओर राजनैतिक दृष्टि से देखें तो ये सीट बीते 23 साल (वर्ष1996 से) से ये सीट भाजपा के कब्जे में हैं। यही वजह है कि अब भाजपा जहां अपना गढ़ बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, वहीं कांग्रेस सीट को पुन: पाने के लिए कमर कस रही है। इसी के तहत इस बार दोनों ही पार्टियां टिकट के लिए काफी माथापच्ची कर रही हैं। बताया गया है कि दोनों ही दलों में लगभग दर्जन भर नाम टिकट की कतार में हैं।
ये नाम चल रहे टिकट की दौड़ में
बताया गया है कि सीट पर काबिज भाजपा में ही इस बार आधा दर्जन लोग टिकट की कतार में हैं। इनमें वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा तो है ही, साथ ही केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर सांसद अनूप मिश्रा भी अपनी संभावना यहां तलाश रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश महामंत्री बीडी शर्मा, गजराज सिंह सिकरवार और प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के नाम भी चल रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लोग भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। वहीं कांग्रेस में विजयपुर के पूर्व विधायक रामनिवास रावत के साथ ही मुरैना के व्यापारी रमेश गर्ग, किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गुर्जर, मुरैना जिलाध्यक्ष राकेश मावई, श्योपुर जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान, रविंद्र सिंह तोमर, श्योपुर के युवा नेता अतुल चौहान जैसे नाम चर्चाओं में है। बताया गया है कि दो दिन पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिल्ली में मुरैना-श्योपुर के सभी कांग्रेसी विधायकों को बुलाकर उनकी भी राय जानी है। वहीं बसपा ने रामलखन सिंह कुशवाह का नाम पहले ही तय कर दिया है।
बताया गया है कि सीट पर काबिज भाजपा में ही इस बार आधा दर्जन लोग टिकट की कतार में हैं। इनमें वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा तो है ही, साथ ही केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर सांसद अनूप मिश्रा भी अपनी संभावना यहां तलाश रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश महामंत्री बीडी शर्मा, गजराज सिंह सिकरवार और प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के नाम भी चल रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लोग भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। वहीं कांग्रेस में विजयपुर के पूर्व विधायक रामनिवास रावत के साथ ही मुरैना के व्यापारी रमेश गर्ग, किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गुर्जर, मुरैना जिलाध्यक्ष राकेश मावई, श्योपुर जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान, रविंद्र सिंह तोमर, श्योपुर के युवा नेता अतुल चौहान जैसे नाम चर्चाओं में है। बताया गया है कि दो दिन पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिल्ली में मुरैना-श्योपुर के सभी कांग्रेसी विधायकों को बुलाकर उनकी भी राय जानी है। वहीं बसपा ने रामलखन सिंह कुशवाह का नाम पहले ही तय कर दिया है।
श्योपुर-मुरैना संसदीय सीट पर निर्वाचित हुए सांसद
वर्ष निर्वाचित सांसद
1967 आतमदास, निर्दलीय
1971 हुकुमचंद कछवे, भारतीय जनसंघ
1977 छविराम अर्गल, भारतीय लोक दल
1980 बाबूलाल सोलंकी,कांग्रेस
1984 कम्मोदी लाल जाटव, कांग्रेस
1989 छविराम अर्गल, भाजपा
१1991 बारेलाल जाटव, कांगे्रस 1996 अशोक अर्गल, भाजपा
1998 अशोक अर्गल, भाजपा
1999 अशोक अर्गल, भाजपा
2004 अशोक अर्गल, भाजपा
2009 नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा
2014 अनूप मिश्रा, भाजपा