उपअधीक्षक मौर्य को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया कि बंदी सोनू कोविड जेल से फरार हो चुका था। पकड़े जाने के बाद उसका कोरोना सैंपल कराया गया था ऐसे में उसकी निगरानी रखी जानी थी जो नहीं रखी गई और घटना घटित हो गई। बंदी सोनू कोविड जेल से भाग चुका था इसलिए मुख्य प्रहरी को इसकी विशेष निगरानी की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी बंदी फांसी पर झूल गया इसलिए मुख्य प्रहरी की लापरवाही प्रदर्शित होती है। वहीं प्रहरी महेन्द्र यादव की ड्यूटी भी जेल परिसर में बैरक एक दो तीन की निगरानी के लिए लगाई गई थी। लेकिन बंदी ने बैरक फांसी लगा ली। उपअधीक्षक जिला जेल के प्रतिवेदन के बाद मुख्य प्रहरी व प्रहरी को निलंबित करने के आदेश अनुविभागीय अधिकारी व पदेन अधीक्षक जिला जेल ने जारी किए।