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परिसीमन की सजा भुगत रहीं कार्यकर्ता, तय कर रही 40 किलोमीटर की दूरी

locationश्योपुरPublished: Jan 11, 2022 11:09:21 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– नजदीकी परियोजना में शामिल करने के बजाएदो सेक्टरों को वीरपुर परियोजना से जोड़ा- मामला विजयपुर परियोजना के पास के दो सेक्टरों का

परिसीमन की सजा भुगत रहीं कार्यकर्ता, तय कर रही 40 किलोमीटर की दूरी

परिसीमन की सजा भुगत रहीं कार्यकर्ता, तय कर रही 40 किलोमीटर की दूरी

विजयपुर
परियोजना के साथ सेक्टरों का विभाजन महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गई है। दरअसल विजयपुर परियोजना के नजदीक होने के बाद भी दो सेक्टरों को 40 किलोमीटर दूर वीरपुर परियोजना से जोड़ दिया गया। इस कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिक्कत में हैं।
जिन दो सेक्टर को विजयपुर परियोजना में होना चाहिए था उनको वीरपुर परियोजना में शामिल कर दिया गया। वीरपुर परियोजना के सेक्टर इकलोद और गढ़ी सेक्टर विजयपुर परियोजना से महज दस किलोमीटर के दायरे में हैं। इसके बाद भी इनको विजयपुर परियोजना के बजाए वीरपुर परियोजना जो चालीस किलोमीटर दूर है उससे जोड़ दिया गया है।
केन्द्र द्वारा किया जाता है परिसीमन
जनसंख्या एवं आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या के आधार पर केन्द्र प्रदेश सरकार की अनुशंसा पर भौतिक सत्यापन के लिए दल को भेजकर निरीक्षण भेजता है। फिर उनकी संख्या के आधार पर जहां सेक्टर की जरुरत होती है सेक्टर बनाते हैं और जहां परियोजना की जरुरत होती है परियोजना बनाने का प्रतिवेदन तैयार कर केन्द्र को रिपोर्ट देते हैं जिसके बाद सेक्टर स्थापित किए जाते हैं।
दूरी के चलते निरीक्षण से लेकर बैठक तक परेशानी
इकलोद और गढी सेक्टर ऐसे हैं जो वीरपुर परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक को निरीक्षण के लिए पहले मुरैना जिले की सबलगढ परियोजना से निकलते हुए विजयपुर परियोजना पहुंचना पडता है उसके बाद वीरपुर परियोजना के सेक्टर में जाते है इसमें सबसे बड़ी परेशानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आवश्यक बैठक के दौरान होती है।
लांघनी पड़ती हैं तीन परियोजना
वीरपुर परियोजना का एक आंगनबाड़ी केन्द्र अनीदा ऐसी जगह पर है जिसके निरीक्षण के लिए वीरपुर परियोजना अधिकारी या पर्यवेक्षक को तीन परियोजना लांघनी पड़ती हैं। इसके लिए पहले वीरपुर फिर सबलगढ और उसके बाद विजयपुर परियोजना से होकर गुजरना पड़ता है।
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