आदिवासी महिलाओं ने की मजदूरी, दो माह बाद भी नहीं मिला भुगतान
श्योपुरPublished: Sep 16, 2019 07:41:11 pm
– भुगतान के साथ मजदूरी के लिए भटक रही महिलाएं- मामला सामान्य वन मंडल कराहल का
आदिवासी महिलाओं ने की मजदूरी, दो माह बाद भी नहीं मिला भुगतान
श्योपुर/कराहल
सामान्य वन मंडल कराहल औऱ गोरस के प्लांटेशन में ढेड़ सैंकड़ा आदिवासी महिलाओं से मजदूरी कराई गई, लेकिन भुगतान दो माह बाद भी नहीं किया। ऐसे में भुगतान के लिए महिलाएं चक्कर तो काट ही रही हैं। वहीं उनको मजदूरी भी नहीं मिल रही है। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। बताते हैं कि 22 आदिवासी महिलाओं के खाते में राशि डालकर गोरस के बीट प्रभारी ने क्योस्क सेंटर पर बुलाया औऱ अंगूठा लगाकर राशि निकाल ली। सोमवार को गोरस में महिलाएं एकत्रित हुईं। बीट प्रभारी नहीं मिलने पर वह मायूस होकर लौट गईं। इस मामले को लेकर डीएफओ ने कहा कि मेरे पास आकर लिखित एवं मौखिक शिकायत करें। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्लांटेशन में 30 से 45 दिन डेढ़ सैंकड़ा आदिवासी महिलाओं ने मजदूरी की। लेकिन दो माह बीतने के बाद भी सामान्य वन विभाग ने मजदूरी की राशि नहीं दी है। आदिवासी महिला मजदूरों के अनुसार बारिश में अन्य कोई मजदूरी है नही जिससे पेट पालन किया जाए। सजना, रामदासी, सरूपी, रामसखी, संजू, ने बताया की जब तक धान रोपड़ का काम चल रहा था तब तक मजदूरी की आवश्यकता नही थी, लेकिन बारिश के चलते मजदूरी नहीं मिल रही है। ऐसे में बच्चों का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है।
नहीं दी शासन की मजदूरी रेट
सामान्य वन मंडल प्लांटेशन में मजदूरी कर चुकी ढेड़ सैंकड़ा आदिवासी महिलाओं को बीट प्रभारी ने 200 रुपए में मजदूरी करने के लिए तैयार किया। जबकि शासन की रेट एक दिन की 285 रुपए है। जब राशि निकालने का समय आता है तो 200 के मान से प्रत्येक मजदूर आदिवासी महिला को राशि दी जाती है।
वर्जन
अभी बजट नहीं मिला है। महिलाओं द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत हैं। गोरस में बीट प्रभारी किशन ने काम कराया था। अभी वही हैं नहीं उसके और जानकारी ली जाएगी।
बीएल अनंत
वन थाना प्रभारी, गोरस
वर्जन
मजदूर आदिवासी महिलाएं मेरे पास आकर लिखित या मौखिक शिकायत करें। महज आरोप लगाने से कुछ नहीं होता। अगर इस प्रकरण में सत्यता है तो कार्रवाई की जाएगी।
सुधांशु यादव
डीएफओ, सामान्य वन मंडल श्योपुर