श्योपुर

रातभर दर्दसे तड़पी प्रसूता,सुबह बिना देखे कर दिया रैफर,रास्ते में हुईडिलीवरी,नवजात की मौत

-परिजनों का आरोप प्रसूता को नहीं देखने की बात ड्यूटी डॉक्टर से कहीं तो डॉक्टर ने दी एफआईआर कराने की धमकी -जिला अस्पताल का मामला,बच्चे की मौत के बाद जच्चा की हालत चिंताजनक

श्योपुरApr 18, 2019 / 08:50 pm

Laxmi Narayan

sheopur

श्योपुर,
प्रसव के लिए जिला अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला रातभर दर्द से तड़पी। मगर उसकी ड्यूटी डॉक्टर ने सुध नहीं ली और सुबह बिना देखे ही उसे रैफर कर दिया। सवाईमाधोपुर ले जाने के दौरान महिला की रास्ते में डिलीवरी हो गई। इस दौरान महिला ने बच्चे को जन्म दिया। मगर कुछ देर बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने प्रसूता को बहरावंडा के अस्पताल में दाखिल कराया गया।जहां प्रसूता की हालत चिंताजनक बताई गईहै।
परिजनों ने नवजात की मौत के लिए जिला अस्पताल की ड्यूटी डॉक्टर सीमा शाक्य को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि ड्यूटी डॉक्टर सीमा शाक्य ने प्रसूता को रातभर जिला अस्पताल में रहने के बाद नहीं देखा और न देखे जाने की बात कहने पर एफआईआर कराने की धमकी दी। दरअसल ग्राम मुदालापाड़ा निवासी गर्भवती महिला रामसिया पत्नी कैलाश बैरवा को मंगलवार की देर शाम को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जननी वाहन से जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्डमें दाखिल कराया। परिजनों ने बताया कि रातभर रामसिया मेटरनिटी वार्डमें भर्ती रही और दर्दसे तड़पती रही।लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉ सीमा शाक्य ने उसे पास जाकर भी नहीं देखा। बुधवार सुबह यह बात डॉक्टर को बताई। तो डॉ सीमा शाक्य ने बिना देख ही रामसिया को रैफर कर दिया। लेकिन रैफर के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई।
बिना देखे रैफर कर दिया,वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया
परिजनों ने बताया कि प्रायवेट वाहन से सवाईमाधोपुर ले जाने के दौरान प्रसूता की रास्ते में ही वाहन के अंदर डिलीवरी हो गई। इस दौरान प्रसूता ने बालक को जन्म दिया। चूंकि बहरावंडा अस्पताल नजदीक था,इसलिए जच्चा-बच्चा को वहां भर्तीकराया गया। मगर वहां डॉक्टरों ने बच्चे को देखकर मृत घोषित कर दिया और जच्चा की हालत चिंताजनक बताते हुए भर्तीकर लिया।

ड्यूटी डॉक्टर दोषी,होनी चाहिए कार्रवाई
मेरी बहन के नवजात बच्चे की मौत के लिए डॉ सीमा शाक्य जिम्मेदार है।उसके खिलाफ कार्रवाईहोनी चाहिए।क्योंकि उसने रातभर दर्द से तड़पने पर भी मेरी बहन की सुध नहीं ली। सुबह इस बारे में कहने पर हमको एफआइआर करा देने की धमकी दी है।
रमेशचंद्र बैरवा,प्रसूता का भाई
 

प्रसूता की उम्र ज्यादा थी और बच्चा भी दस माह का हो गया था। इसलिए थोड़ी रिस्क थी।प्रसूता के परिजनों से रात को ही बाहर ले जाने के लिए कहा। मगर प्रसूता का पति रातभर नहीं आया। सुबह मैने बच्चे की धड़कन अच्छे से चैक करने के बाद ही रैफर किया। रातभर नहीं देखने और एफआईआर कराने जैसी बाते सरासर गलत है।
डॉ सीमा शाक्य
स्त्री रोग विशेषज्ञ,जिला अस्पताल श्योपुर,
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