अनु.जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यक महासंघ की श्योपुर जिला इकाई के बैनर तले एक सैकड़ा से अधिक लोग एकत्रित हुए। इस दौरान सभी समाजों के प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं, जिसके बाद यहां पैदल मार्च शुरू हुआ, जो अंबेडकर पार्क, पटेल चौक, एसएएफ लाइन, जयस्तंभ होते हुए कोतवाली पर पहुंचा। यहां कोतवाली का घेराव करते जमकर नारेबाजी की और एसडीएम यूनिस कुर्रेशी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने के दौरान महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि आाजदी के 70 सालों बाद भी एससी,एसटी, ओबीसी तथा अल्पसंख्यकों को संविधान की मंशानुरूप उच्च तथा सामान्य पदों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। ऊपर से अब विश्वविद्यालयों में हो रही सहायक आचार्यों की भर्ती में 200 पाइंट रोस्टर को समाप्त कर 13 पाइंट रोस्टर पद्धति लागू कर दी गई हे। इस रोस्टर से इन वर्गों के योग अभ्यर्थी भर्ती से पूरी तरह वंचित हो जाएंगे। इसके साथ ही सामान्य वर्ग के लोगों को भारत सरकार द्वारा 10 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया गया है, जबकि इस वर्ग के लोगों का सरकारी सेवाओं में पूर्व से पर्याप्त प्रतिनिधित्व है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा किया जाता है, तो फिर वर्गों को उनकी आबादी के अनुपात में दिया जाए। ज्ञापन में अन्य मांगे भी उल्लेखित की गई। इस दौरान मुकेश मलहोत्रा, डॉ.लक्ष्मण सिंह गुर्जर, भागचंद पांडोलिया, जसवंत सिंह मीणा, ओपी जारोलिया, रमेश शाक्य सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
ये रही ज्ञापन में मुख्य पांच मांगे
-200 पाइंट रोस्टर की मांग।
-निजी क्षेत्र में आरक्षण दिए जाने की मांग।
-संविधान की 5वीं अनुसूचि लागू करने की मांग।
-एससी,एसटी, ओबीसी को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने।
-शिक्षण संस्थानों एवं शासकीय सेवाओं में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व।