रविवार को श्योपुर आए सिंधिया पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गुट के श्योपुर विधायक बाबू जंडेल और पूर्व मंत्री स्व. इब्राहिम कुर्रेशी के पुत्र शानू कुर्रेशी के घर भी गए। हालांकि सिंधिया के इस कदम को सौजन्य भेंट बताया जा रहा है, लेकिन पहली बार उनके इस तरह के कदम से सियासी पारा चढ़ गया है। यही नहीं पिछले दिनों भिंड में भी दिग्विजय गुट के बड़े नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ.गोविंद सिंह के साथ ही मुरैना और शिवपुरी जिलों में भी सिंधिया ने दिग्गी गुट के नेताओं से चर्चा कर या उनके घर जाकर शह-मात की नई चाल चली है। जबकि अभी तक देखा जाता रहा है कि जब कभी श्योपुर में दिग्विजय सिंह आए तो वे सिंधिया गुट के नेताओं के घर नहीं गए और जब सिंधिया श्योपुर आए तो वे दिग्गी गुट के नेताओं के घर नहीं गए। विशेष बात यह है कि श्योपुर में दिग्गी गुट के जिन दो नेताओं के घर सिंधिया पहुंचे, उनमें विधायक बाबू जंडेल के बारे में तो कहा जाता है कि विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिग्गी के कहने पर ही मिला था, जबकि सिंधिया के दिए प्रत्याशियों के टिकट कट गए।
सिंधिया ने सीएम को भेजा पत्र, लिखा-श्योपुर के किसानों को दिलाएं गेहूं का बोनस श्योपुर दौरे पर जनसंवाद और कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद आई जिले की विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है। जिसमें सिंधिया ने लिखा है कि श्योपुर में अतिवृष्टि और बाढ़ से खरीफ की फसल खराब हो गई है, जिसका मुआवजा किसानों को प्रदान किया जाए, वहीं यहां के किसानों को गत वर्ष के गेहूं का बेानस भी 180 रुपए प्रति क्ंिवटल अभी तक नहीं मिला है, जिसे भी प्रदान किया जाए। सिंधिया ने अपने पत्र में श्योपुर में रबी सीजन के लिए यूरिया खाद का कोटा बढ़ाए जाने, पंचायती राज अधिनियम 1993 को पुन: क्रियान्वित किया जाकर पंचायतों को पुन: अधिकार दिए जाने, शासकीय पीजी कॉलेज में शैक्षणिक स्टाफ की पदस्थाना किए जाने, जिला अस्पताल में डॉक्टरों की पदस्थपना किए जाने और एक्सरे मशीन की व्यवस्था किए जाने, कराहल पंचायत को नगर परिषद का दर्जा दिए जाने, भील-भिलाला आदिवासियों को स्थानीय स्तर पर जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाने सहित अन्य कई समस्याएं सीएम के सामने रखी हैं।