जिले में 1 लाख 52 हजार कुल वैध कनेक्शनधारी बिजली उपभोक्ता है। इनमें से 1 लाख 8 हजार घरेलू और 34 हजार कृषि पंप कनेक्शन हैं। लेकिन दोनों ही श्रेणी के उपभोक्ताओं पर भारी भरकम राशि बकाया है। जिले में घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 181 करोड़ रुपए की राशि बकाया चल रही है, जबकि कृषि पंप पर 114 करोड़ रुपए बाकी हैं। वहीं व्यवसायिक कनेक्शनों पर 36 करोड़, औद्योगिक इकाईयों पर 10 करोड़ और वाटर बॉक्स पर 9 करोड़ रुपए के आसपास की राशि बकाया चल रही है।
जिले में बिजली सप्लाई में 1 लाख 52 हजार तो नियमित और वैध उपभोक्ता हैं, लेकिन जिले में भारी मात्रा में बिजली चोरी भी जा रही है। जिसके चलते ईमानदार और नियमित बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं पर भार बढ़ जाता है। बिजली कंपनी के मैेदानी अमले की मिलीभगत से जिले में बिजली चोरी और लाइनलॉस की गंभीर समस्या है। ऐसे में लोगों का कहना कहना है कि बिजली चोरी रोकने में कारिंदों की नाकामी से नियमित भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिल थमा दिए जाते हैं। जिसके चलते बिल संसोधन कराने उपभोक्ता चक्कर काटते नजर आते हैं।