कभी कहा जाता था, कि दाल रोटी खाएंगे, प्रभु के गुण गाएंगे, लेकिन बढ़ते दामों के चलते अब दाल भी थाली से गायब होने की स्थिति में आने लगी है। मई और जून के भावों की ही तुलना करें तो पाएंगे कि दालों के दामों में काफी इजाफा हुआ है। तुअर की दाल एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है और बीते एक पखवाड़े में ही 50 फीसदी तक दाम बढ़ गए हैं। कुछ यही स्थिति मूंग, मसूर, चना, मटर, उड़द आदि की दालों के हैं। इसके साथ ही मशालों व अन्य खाद्य सामग्री के दामों में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
लोगों का कहना है कि दालों के पिछले महीनों मेें लोकसभा चुनाव होने के कारण दालों के दामों पर अंकुश लगाया हुआ था, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए, सरकार ने ये अंकुश हटा लिया, लिहाजा अब दाल सहित अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। दालों के दाम बढऩे से घरों में रसोई का बजट गड़बड़ा गया है, तो होटलों और रेस्टॉरेंटों में भी दाल पतली हो गई है।
दिनेश मंगल
किराना व्यापारी, श्योपुर ये बोली गृहिणियां….
दालों के दाम बढ़ रहे हैं, इससे रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। लगभग हर प्रकार की दालों के रेट बढ़े हैं।
कविता मीणा, श्योपुर
पिछले कुछ दिनों दालों के भावों में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में आमजन की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।
अंतिम गुप्ता, श्योपुर
सब्जियों के दाम तो पहले ही आसमान पर थे, अब दाल के दाम भी बढ़ रहे हैं। बढ़ती महंगाई पर कंट्रोल होना चाहिए।
वंदना शर्मा, श्योपुर
दाल मई माह जून माह
तुअर(अरहर) 60 90
उड़द 65 80
मूंग मोगर 80 95
मूंग छिलका 70 80
चना 55 65
मसूर 50 60
मटर 40 70