भले ही सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी हो। उसके बाद भी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बच्चों से झाड़ू लगवाने से बाज नहीं रहे है। पत्रिका ने पड़ताल की तो शासकीय प्राथमिक विद्यालय गोरस में बच्चें झाड़ू लगाते मिले। इस दौरान बच्चों का कहना था कि उन्हें रोजाना स्कूल में झाड़ू लगानी पड़ती है उसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है। गोरस के प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या 144 है, लेकिन करीब 37 छात्र ही पढऩे आते है। जो बच्चे विद्यालय में आ रहे हैं उनको साझा चूल्हा का मध्यान्ह भोजन नहीं मिल रहा है।
अफसरों ने दिए थे निर्देश
कराहल के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को बीते दिनों कलेक्टर ने छात्र संख्या बढ़ाने की हिदायत दी थी। इसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके बच्चों को यहां झाड़ू लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इनका कहना है
गोरस के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण कर स्थिति का पता लगाया जाएगा। कमी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चों से झाडू लगवाना गलत है इस मामले में नोटिस दिया जाएगा।
प्रदीप श्रीवास्तव
बीआरसीसी, कराहल
अफसरों ने दिए थे निर्देश
कराहल के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को बीते दिनों कलेक्टर ने छात्र संख्या बढ़ाने की हिदायत दी थी। इसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके बच्चों को यहां झाड़ू लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इनका कहना है
गोरस के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण कर स्थिति का पता लगाया जाएगा। कमी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चों से झाडू लगवाना गलत है इस मामले में नोटिस दिया जाएगा।
प्रदीप श्रीवास्तव
बीआरसीसी, कराहल