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मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, मुरझाने लगी सोयाबीन की फसल

locationश्योपुरPublished: Jul 08, 2018 03:31:41 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, जिले में पहली बारिश के बाद ही छोड़ा साथ, बढ़ता पारा भी बढ़ा मुसीबत

raining in sheopur

मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, मुरझाने लगी सोयाबीन की फसल

श्योपुर । कराहल के किसान रमेश आदिवासी ने एक सप्ताह पूर्व अपने खेत में सोयाबीन की बोवनी की थी, जिसके बाद सोयाबीन उग भी आई है, लेकिन अब बारिश नहीं होने से सोयाबीन के पौधे मुरझाने लगे हैं। मानपुर के बहरावदा निवासी किसान सुल्तान मीणा की गत वर्ष भी सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी और इस बार भी मानसून की लेट लतीफी से अभी तक किसी भी फसल की बोवनी नहीं कर पाए हैं।


ऐसी केवल दो किसानों की ही कहानी नहीं है बल्कि जिले के उन सभी किसानों की हैै, जो मानसून की बेरुखी से चिंता में डूब गए हैं। गत वर्ष मानसून की बेरुखी झेल चुके जिले के किसान इस बार फिर चिंतित हैं, क्योंकि 27-28 जून को हुई पहली झमाझम बारिश के बाद मानसून साथ छोड़ गया है। हालांकि बीच-बीच में कुछ इलाकों में छितराई बारिश हुई है, लेकिन पूरा जिला अभी सूखा सा नजर आ रहा है। यही वजह है कि जिले के मानपुर, विजयपुर, वीरपुर क्षेत्र में अभी खेत खाली पड़े हैं और बोवनी भी नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर बड़ौदा, प्रेमसर, कराहल क्षेत्र में बोवनी तो हो गई, लेकिन पानी के अभाव में सोयाबीन व अन्य फसलों के पौधे मुरझा रहे हैं। सोयाबीन के बीज की किल्लत के बीच किसान महंगे दाम पर राजस्थान से बीज लाए, ऐसे में उगी फसल खराब हुई तो किसानों पर भारी वज्रपात होगा। बताया गया है कि अभी तक जिले में कुल लक्ष्य का महज 30 फीसदी बोवनी (एक लाख 35 हजार 62 हेक्टेयर का लक्ष्य, जिसमें से 29 हजार 541 हेक्टेयर में बोवनी) हुई है।


पारा 40 पर, तप रही धरा
बीते 10 दिनों से मानसून सक्रिय नहीं होने से पारा फिर चढ़ रहा है। अधिकतम तापमान40 डिग्री के आसपास चल रहा है और धूप तीखी हो रही है, जिससे लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। वहीं जिले में अभी तक की बारिश की स्थिति देखें तो 7 जुलाई सुबह 8 बजे तक 122.5 मिमी औसत बारिश हुई है। इसमें कराहल क्षेत्र में 85.4, विजयपुर में 97 और श्योपुर क्षेत्र में 185.1 मिमी बारिश हुई है।

बारिश नहीं होने से परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि जिन्होंने फसलों की बोवनी कर दी है, उन फसलों में पानी की आवश्यकता है, जबकि जिन क्षेत्रों में बोवनी नहीं हो पाई है, वहां बोवनी पिछड़ रही है।
डॉ.लाखन सिंह गुर्जर, कृषि वैज्ञानिक, केवीके बड़ौदा

श्योपुर सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश शुष्क नजर आ रहा है। आगामी 2-3 दिन भी ऐसी ही स्थितियां रहने की संभावना है, उसके बाद पश्चिमी मध्यप्रदेश में भी मानसून सक्रिय हो सकता है।
प्रमोद सोरपे, मौसम वैज्ञानिक, मौसम केंद्र गुना


जिले में मुख्य फसलों की बोवनी की स्थिति(रकबा हेक्टेयर में)
फसल लक्ष्य बोवनी
सोयाबीन 44350 4640
धान 20916 747
बाजरा 19723 11950
उड़द 12020 2910
मक्का 4338 178 2
तिल 14464 2890
नोट-कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार

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