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पढ़ाईके लिए विभाग विदेश भेजने तैयार,छात्र जाने को तैयार नहीं

locationश्योपुरPublished: Jan 22, 2019 08:26:32 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

विदेश छात्रवृति योजना का मामला,जिले से एक भी छात्र ने नहीं किया आवेदन

sheopur

पढ़ाईके लिए विभाग विदेश भेजने तैयार,छात्र जाने को तैयार नहीं

श्योपुर,
प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को पढ़ाईके लिए विदेश भेजने के लिए मौका दे रहा है। लेकिन छात्र-छात्राएं विदेश पढऩे के लिए जाने को तैयार नहीं है। विदेश जाने में रुचि नहीं लेने की छात्र-छात्राओं की स्थिति का खुलासा विदेश छात्रवृति योजना कर रही है।क्योंकि इस योजना का लाभ लेने के लिए अभी जिले के एक भी छात्रके द्वारा आवेदन नहीं किया गया है।इसको लेकर विभाग भी हैरान बना हुआ है।
श्योपुर के शासकीय महाविद्यालय प्राचार्यडॉ एसडी राठौर का कहना हैकि हम भी इस योजना लाभ लेने के लिए छात्र-छात्राओ को प्रेरित करते है। मगर छात्र इस योजना का लाभ नहीं ले रहे है।
दरअसल जिले सहित प्रदेश के छात्र-छात्राएं पढऩे के लिए विदेश जाए,इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा विदेश छात्रवृति योजना शुरु की गई। लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले के छात्र-छात्राएं रुचि नहीं दिखा रहे है। हालांकि इस योजना का लेने के लिए कॉलेज प्रबंधन भी छात्र-छात्राओ को जागरुक करता है और जिले में प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं भी मौजूद है। लेकिन इसके बाद भी छात्र-छात्राएं इस योजना का लाभ लेने में रुचि नहीं बढ़ा रहे है। उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि संभाग के अन्य जिलों में भी इस योजना में छात्र-छात्राओ ने कोई रुचि नहीं दिखाईहै।
यह हैयोजना का उद्देश्य
विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना का उद्देश्य पिछड़े वर्ग के चुन हुए छात्रों को विदेश में विशिष्ट क्षेत्रों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम,रिसर्च, उपाधि एवं शोध उपाधि उपरांत रिसर्च कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
क्या हैविदेश अध्ययन छात्रवृति पाने की योग्यता
अध्ययन के लिए संबंधित स्नातकोत्तर (पीजी) परीक्षा में ७५ फीसदी अंक या उसके समतुल्य श्रेणी (ग्रेड) संबंधित क्षेत्र में अनुभव के साथ शोघ उपाधि (पीएचडी), रिसर्च डिग्री (पीएचडी) हेतु संबंधितस्नातकोत्तर (पीजी) परीक्षा में प्रथम श्रेणी या ७५ फीसदी अंक या उसके समतुल्य श्रेणी संबंधित क्षेत्र में दो साल का अध्यापन,शोध, व्यवसायिक अनुभव, एमफिल उपाधि।
यह है व्यवहारिक समस्याएं
-पारिवारिक आय सीमा पांच लाख का होना।
-निर्धारित प्राप्तांक के दायरे में न आ पाना।
-संबंधित देश का स्टूडेंट वीजा खुद प्राप्त करना।
-निर्धारित समय सीमा में पाठ्यक्रम पास करना अनिवार्य।
वर्जन
विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना संचालित है। जिसका लाभ लेने के लिए हम छात्र-छात्राओ को जागरुक करते है। मगर अभी तक इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी छात्र ने आवेदन नहीं किया है।
डॉ एसडी राठौर
प्राचार्य,शासकीय महाविद्याल,श्योपुर
फैक्टफाइल
७५-प्रतिशत से अधिक अंक होना आवश्यक
०५-लाख से अधिक आय नहीं होनी चाहिए।
२५-वर्ष पीजी के लिए आयु
३५-वर्ष पीएचडी के लिए आयु

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