मामला श्योपुर – शिवपुरी हाईवे के बाबंदा नाले का है. बारिश के बाद नाला उफनने लगा. हाईवे पर बना पुल कई घंटों तक पानी में डूबा रहा जिससे करीब साढ़े 3 घंटे तक आवाजाही बंद रही. इसी दौरान जंगल से घर जा रहा रामजीलाल आदिवासी पानी के तेज बहाव में बहने लगा. कुछ दूर तक बहते हुए रास्ते में किसी पेड़ की टहनी उसके हाथ लग गयी. रामजीलाल ने वो टहनी जोर से पकड़ ली. इसी के साथ उसने अपनी ज़िंदगी बचाने की जद्दोजहद शुरु कर दी.
वो टहनी पकड़ कर लटक गया और फिर मदद के लिए जोरों से चिल्लाना शुरू कर दिया. उसकी आवाज सुनकर वहां से गुजर रहे किसी व्यक्ति ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी. सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर जा पहुंची और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. करीब 2 घंटे में उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. इस दौरान युवक करीब 3 घंटों तक टहनी पर लटका रहा था.
युवक ने बताया कि वो जंगल से घर की तरफ जा रहा था लेकिन पानी के तेज बहाव में वह तिनके की तरह बहता चला गया. तभी किसी पेड़ की एक टहनी उसके हाथ लग गयी. वो घंटों मौत से जूझता रहा लेकिन आखिरकार ज़िंदगी जीत गयी. फिलहाल यह आदिवासी युवक अस्पताल में है.ऑपरेशन के दौरान कलेक्टर शिवम वर्मा सहित आला अधिकारी कर्मचारी मौके पर ही मौजूद रहे. रामजीलाल को बचा लिया गया लेकिन पानी में बहने और फिर तीन घंटे तक फंसे रहने के कारण वो घबरा गया था. इसलिए उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया.