वहीं दूसरी ओर चंबल नदी में भी 13 फीट तक पानी बढ़ गया और शाम तक भी चंबल का जलस्तर चढ़ाव पर था। इसी के चलते प्रशासन ने चंबल और पार्वती नदी किनारे के दो दर्जन गांवों में फिर से अलर्ट जारी कर दिया है।
पिछले दिनों से उफान पर चल रही पार्वती में शुक्रवार के तड़के से ही नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। यही वजह रही कि श्योपुर-कोटा हाइवे पर खातौली पुल तो बीते चार दिनों से डूबा ही हुआ था, लेकिन श्योपुर-बारां हाइवे पर कुहांजापुर का सूरथाग पुल भी तीन फीट पानी में डूब गया। यही नहीं पार्वत नदी दोपहर दो बजे बाद तो खतरे के निशान (198 मीटर) को भी पार कर तीन फीट ऊपर चढ़ गई। इसके चलते खातौली पुल पर 21 फीट तक पानी हो गया। इसी चलते श्योपुर-कोटा मार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा तो कुहांजापुर पुल डूबने से श्योपुर-बारां हाइवे भी बंद हो गया। हालांकि मजबूरन लोग एक लंबा फेर काटकर पार्वती एक्वाडेक्ट के रास्ते गए, लेकिन एक तरह से दिन भर हाड़ौती से संपर्क कटा रहा।
पिछले दिनों से उफान पर चल रही पार्वती में शुक्रवार के तड़के से ही नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। यही वजह रही कि श्योपुर-कोटा हाइवे पर खातौली पुल तो बीते चार दिनों से डूबा ही हुआ था, लेकिन श्योपुर-बारां हाइवे पर कुहांजापुर का सूरथाग पुल भी तीन फीट पानी में डूब गया। यही नहीं पार्वत नदी दोपहर दो बजे बाद तो खतरे के निशान (198 मीटर) को भी पार कर तीन फीट ऊपर चढ़ गई। इसके चलते खातौली पुल पर 21 फीट तक पानी हो गया। इसी चलते श्योपुर-कोटा मार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा तो कुहांजापुर पुल डूबने से श्योपुर-बारां हाइवे भी बंद हो गया। हालांकि मजबूरन लोग एक लंबा फेर काटकर पार्वती एक्वाडेक्ट के रास्ते गए, लेकिन एक तरह से दिन भर हाड़ौती से संपर्क कटा रहा।
वहीं गुरुवार की शाम चंबल का 191.76 मीटर पर थी, वो शुक्रवार की शाम को 13 फीट चढ़कर 195.76 मीटर पर पहुंच गई। चंबल का जलस्तर बढऩे से दांतरदा क्षेत्र की ब्यागड़ नदी में भी पानी आ गया, जिससे दांतरदा-जैनी मार्ग बंद हो गया। वहीं जैनी में क्षेत्रपाल बाबा मंदिर के निकट तक चंबल का पानी पहुंच गया।