scriptश्योपुर के इस म्युजियम में दिखती है सहरिया संस्कृति | Sahariya culture is seen in this Museum of Sheopur | Patrika News

श्योपुर के इस म्युजियम में दिखती है सहरिया संस्कृति

locationश्योपुरPublished: May 17, 2019 08:39:45 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

श्योपुर के इस म्युजियम में दिखती है सहरिया संस्कृतिदेश का इकलौता सहरिया संग्रहालय है श्योपुर में, शोधार्थियों के लिए भी आकर्षण

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श्योपुर के इस म्युजियम में दिखती है सहरिया संस्कृति

श्योपुर,
जिले में निवासरत सहरिया जनजाति की संस्कृति अद्वितीय है, तो उससे भी अद्वितीय है सहरिया आदिवासी संस्कृति से रूबरू कराता श्योपुर का सहरिया संग्रहालय है। ये संभाग या प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एकमात्र सहरिया संग्रहालय श्येापुर की पहचान बन चुका है।
यही वजह है कि ये संग्रहालय श्योपुर सहित ग्वालियर-चंबल संभाग में फैले सहरिया समाज की सांस्कृतिक विरासत मुखड़ा कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि शासन-प्रशासन की उदासीनता बाद भी सहरिया संग्रहालय अब जैसे-तैसे चल रहा है, लेकिन आज भी सहरिया संग्रहालय को देखने देश भर से पर्यटक आते हैं बल्कि संस्कृति या जनजातियों पर शोध करने वाले छात्रों के लिए भी ये एक अप्रत्यक्ष पाठ्यक्रम बन चुका है।
श्योपुर के एतिहासिक किला परिसर में संचालित इस संग्रहालय में सहरिया समाज की संस्कृति के जीवंत दर्शन होते हैं। सहरिया समाज के खान-पान, रहन-सहन, पहनावा, ज्वैलरी, आवास आदि के बारे में संग्रहालय में विस्तार से डिस्पले किया हुआ है। ज्वैलरी सेक्शन में सहरिया महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले आभूषण, वनोपज सेक्शन में सहरिया समाज की वनोपज आजीविका के बारे में भी अलग से बताया गया है। कुएं से पानी भरने, हथाई या बंगला, सहरियाओं के वाद्ययंत्र, सहरिया बच्चों के खिलौने आदि से सहरिया संस्कृति के अनूठेपन का अहसास कराते हैं।

1986 में बनी परिकल्पना, 1990 में हुई साकार
सहरिया जनजाति की अपनी एक विशिष्ट संस्कृति रही है, जिसे संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से सहरिया विकास अभिकरण, नगरपालिका श्योपुर और पुरातत्व संरक्षण समिति के माध्यम से सहरिया संग्रहालय के रूप में फ्रेम किया गया है। ग्वालियर-चंबल के तत्कालीन कमिश्नर और सहरिया विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष अजय शंकर ने वर्ष 1986 में इसकी परिकल्पना की और पुरातत्व संरक्षण समिति बनाई। समिति ने जिले के सहरिया गांवों में पहुंचकर न केवल अध्ययन किया बल्कि सहरिया संस्कृति से जुड़ी सामग्री संकलित की। जिसके बाद वर्ष 1990 में श्योपुर किला स्थिति बड़े भवन में सहरिया संग्रहालय स्थापित किया गया।
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