श्योपुर

गंदगी देख बिफरी कमिश्नर,सिविल सर्जन से बोली तीन दिन में सुधारो व्यवस्था नहीं तो करवा दूंगी एफआईआर

-सवा घंटे तक जिला अस्पताल के निरीक्षण पर रही कमिश्नर को चारों तरफ मिली गंदगी -ओपीडी में डॉक्टरों की खाली कुर्सियां देख नाराज हुई कमिश्नर

श्योपुरOct 15, 2019 / 07:29 pm

Laxmi Narayan

गंदगी देख बिफरी कमिश्नर,सिविल सर्जन से बोली तीन दिन में सुधारो व्यवस्था नहीं तो करवा दूंगी एफआईआर

-श्योपुर,
जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंची चंबल संभाग की कमिश्नर रेणु तिवारी तब बिफर गई,जब उनको निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में चारों तरफ गंदगी और कचरा मिला। प्रतिबंध के बाद भी जिला अस्पताल के कक्षो में पॉलीथिन मिली। जबकि शौचालय भी गंदे और उनके दरवाजे टूटे मिले। यह नजारा देख कमिश्नर ने सिविल सर्जन डॉ आरबी गोयल को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह क्या व्यवस्थाए है। इनको तीन दिन में सुधारो। नहीं तो एफआईआर करवा दूंगी।
सवा घंटे तक जिला अस्पताल में रही कमिश्रर ने सफाईकर्मियों से सफाई करवाई। वहीं सिविल सर्जन को सभी कक्षों में जाली लगाने के निर्देश दिए।ताकि इनमें से कोई कचरा न फेंक सके। कमिश्नर के साथ कलेक्टर बसंत कुर्रे, जिपं सीईओ हर्ष सिंह, एएसपी पीएल कुर्वे, एसडीएम रुपेश उपाध्याय,एसडीओपी रामतिलक मालवीय सहित अन्य विभागो के अधिकारी भी थे।
सुबह 10 बजे जिला अस्पताल पहुंची कमिश्नर
कमिश्नर रेणु तिवारी मंगलवार सुबह करीब 10 बजे जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंची। अस्पताल परिसर में अव्यवस्थित तरीके से खड़े वाहन देखकर उनको व्यवस्थित रखवाने के निर्देश दिए। ओपीड़ी में डॉक्टरों की खाली कुर्सियां देखकर कमिश्नर ने पूछा कि यहां बैठने वाले डॉक्टर कहां गए है। सिविल सर्जन ने बताया कि कुछ डॉक्टरों का यहां से ट्रांसफर हो गया है। इस पर कमिश्नर ने कहा कि खाली कक्षा में ताले डाल दो। इनके आगे लगी डॉक्टरों की नेम प्लेट भी हटवाओ। मतलब जहां जो लिखा हो,वहां वो होना चाहिए। कमिश्नर को एक नर्स ड्रेस कोड में नहीं मिली। जिसे कमिश्रर ने ड्रेस में आने के निर्देश दिए।
गंदा पानी जमा देख कमिश्नर बोली आओ डेंगू ले जाओ
अस्पताल के अंदर गंदा पानी जमा देखकर कमिश्नर तिवारी ने खासी नाराजगी जताई और सीएमएचओ व सिविल सर्जन को फटकार लगाते हुए कहा कि यह गंदा पानी क्या डेंगू और मलेरिया बुलाने के लिए है। कमिश्नर ने तत्काल अस्पताल सहित नगर पालिका के सफाई कर्मियों को बुलाकर सफाई करवाई।
कमिश्नर ने कहा शौचालय का दरवाजा खोलकर दिखाओ,सिविल सर्जन ने खोला तो हाथ में आ गया दरवाजा
कमिश्नर को जिला अस्पताल के शौचालय भी काफी गंदे मिले। एक शौचालय के बंद दरवाजे को देखकर कमिश्नर ने सिविल सर्जन से कहा कि मुझे इसका दरवाजा खोल दिखावाओ। कमिश्नर के कहने पर सिविल सर्जन ने शौचालय का दरवाजा खोला तो वह हाथ में आ गया। क्योंकि उसके कब्जे टूटे थे। यह स्थिति कमिश्रर काफी नाराज हुई और सिविल सर्जन से बोली कि यह क्या है। इनमें तीन दिन के अंदर सुधार करवाओ। इसके बाद कमिश्रर ने जांच कक्ष,चिल्ड्रन वार्ड, मेटरनिटी वार्ड का भी निरीक्षण किया।
विक्षिप्त महिला को देख कमिश्नर बोली इसे सुरक्षित जगह पहुंचवाओ
कमिश्नर ने जिला अस्पताल में घूमने वाली विक्षिप्त महिला को देखकर कहा कि इसका इलाज करो। इस पर सिविल सर्जन ने बताया कि यह मानसिक विक्षिप्त है। इसका इलाज यहां संभव नहीं है। सिविल सर्जन की यह बात सुनकर कमिश्नर ने कहा कि तो फिर जहां इलाज संभव है,वहां इसे पहुंच वाया जाए। यहां यह सुरक्षित नहीं है।
दवा लेने लाइन में लगी बालिका हो गई बेहोश
जब कमिश्नर दवा वितरण का केन्द्र का निरीक्षण करने के लिए पहुंची,तब वहां दवा लेने के लिए लाइन में लगी एक बीमार बालिका बेहोश होकर नीचे गिर गई। जिसे पुलिसकर्मियों ने उठाकर वार्ड में पहुंचवाया।
मरीज बोला एक माह से चक्कर लगा रहा हूं। इलाज नहीं मिल रहा
कमिश्नर रेणु तिवारी और कलेक्टर बसंत कुर्रे को जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे वार्ड क्रमांक 11 निवासी नागाराम वैष्णव ने बताया कि मुझे खांसी की दिक्कत है। इसके इलाज के लिए मै जिला अस्पताल में एक माह से चक्कर लगा रहा हू। लेकिन मुझे न इलाज मिल रहा है और न ही दवाईया।
निरीक्षण के बाद किया श्रमदान,100 तुलसी के पौधे लगाने के दिए निर्देश
अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद कमिश्नर ने अस्पताल परिसर की श्रमदान के जरिए साफ-सफाई की। इस दौरान अफसरों ने भी श्रमदान किया। कमिश्नर ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि इस स्थान को अच्छे पार्क के रूप में विकसित करवाओ और इसमें तुलसी के 100 पौधे लगवाओ।
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