श्योपुर के कंकर-कंकर में है शंकर का वास
श्योपुरPublished: Mar 04, 2019 08:30:52 pm
-गौड़ राजाओं की राजधानी रहे श्योपुर में शिवालयों की भरमार-शहर भी शिवनगरी के नाम से प्रसिद्धमहाशिवरात्रि विशेष
श्योपुर,
शिव की नगरी के नाम से प्रसिद्ध श्योपुर शहर में यूं तो कई शिव मंदिर हैं, लेकिन जिले भर में भी शिवालयों की भरमार है। या यूं कहें कि श्योपुर के कण-कण में शंकर का वास है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। ये सब है उन गौड़ राजाओं की देन, जो शिव के उपासक थे, जिन्होंने शहर सहित जिले में कई स्थानों पर शिवालयों की स्थापना की।
इतिहासकारों के मुताबिक टीले पर बना होने के कारण श्योपुर किले वाले क्षेत्र को शिवपहाड़ कहा जाता था और गौड़ राजाओं की रियासत शिवपहाड़ रियासत थी। हालांकि समय के शिवपहाड़ नाम का अपभ्रंस होते-होते अब सिपाड़ हो गया और आज भी श्योपुर क्षेत्र को सिपाड़ क्षेत्र के नाम से ही जाना जाता है। बताया गया है कि 17वीं शताब्दी में गौड़ राजाओं ने श्योपुर किले को अपनी राजधानी बनाया तो अपनी रियासत का नाम भी शिवपहाड़ ही रखा। बताया जाता है कि कभी शहर का नाम भी शिवपुर ही था, लेकिन आज ये भी अपभ्रंस होकर श्योपुर (देहात क्षेत्र में तो सोपर भी कहा जाता है) हो गया है। इन्हीं सारी स्थितियों के कारण आज भी शहर सहित जिले में शिव की उपासना और भक्ति की अद्वितीय बयार बहती नजर आती है।
शहर सहित जिले के कुछ विशेष शिवालय
-कदवाल नदी किनारे गुप्तेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से स्थापित है। मान्यता है कि चौदह वर्ष के अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने शिवलिंग की स्थापना की।
-शहर के बीच स्थित हजारेश्वर महादेव सैकड़ों साल पूर्व एक मिट्टी के टीले में प्रकट हुए। छोटे-छोटे हजार मुखों की वजह से इसे हजारेश्वर कहा जाता है।
-मानपुर गढ़ी में श्री मानेश्वर नाथ महादेव जनआस्थ का केंद्र है। मान्यता है कि संगमरमर से बना ये शिवलिंग में दिन में तीन वर्ण बदलता है।
-जिले के त्रिवेणी संगम पर स्थित रामेश्वर महादेव भी पौराणिक मान्यता है। राम-सीता के पुनर्मिलन सहित तमाम किवदंतियां यहां जुड़ी हैं।
-नागदा में नागेश्वर महादेव का अति प्राचीन शिवालय है, यहां शिवलिंग पर चौबीसों घंटे अटूट जलधारा गिरती है, जो हमेशा से लोगों की जिज्ञासा का विषय रहा है।
-नागदा के निकट ही सीप नदी किनारे एक ऊंचे टीले पर भूतेश्वर महादेव मंदिर है। भूतेश्वर महादेव की प्राचीनता का वर्णन भागवत कथा में भी है।
-बड़ौदा में चंद्रसागर तालाब किनारे बना शिव मंदिर अपनी प्राचीनता और नैसर्गिक सौंदर्य की बानगी है, जिसे 150 साल पूर्व गौड़ राजाओं ने स्थापित किया।।
-शहर के छारबाग स्थित श्री गोविंदेश्वर महादेव मंदिर पर जिले का एकमात्र ऐसा शिवालय है, जिसकी जलेरी 36 0 डिग्री में घूमती है।