लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले की 225 ग्राम पंचायतों में 6 हजार 350 सरकारी हैंडपंप हैं, जिनमें से 5 हजार 614 ही वर्तमान में चालू स्थिति हैं, जबकि 736 हैंडपंप बंद पड़े हैं। इन बंद पड़े हैंडपंपों में 561 तो ऐसे हैं जो भूजलस्तर गिरने से बंद पड़े हैं, जबकि 152 हैंडपंप लाइन गिरने, लाइन फंसी होने, भरापटा या सूखा होने से बंद बताए गए हैं, वहीं 23 हैंडपंप सामान्य खराबी से बंद बताए गए हैं। चूंकि आगामी दिनों में गर्मी शुरू हो जाएगी और ऐसे में समय रहते इन हैंडपंपों में पाइप नहीं बढ़ाए गए या सिंगल फेस की मोटर नहीं डाली गई तो गांवों में पेयजल को हालात भयावह नजर आएंगे।
14 गांवों में नलों में नहीं आ रहा पानी
गांवों में बड़ी संख्या में हैंडपंप बंद होने के साथ ही कई गांवों में नलजल योजनाएं भी नहीं चल रही है। पीएचई विभाग के मुताबिक ही 14 गांवों में नलजल येाजनाएं बंद पड़ी है। जिले में 209 पेयजल योजनाएं(नलजल, स्थलजल, मुख्यमंत्री पेयजल योजना आदि) संचालित हैं, जिनमें से 195 चालू है, जबकि 14 बंद हैं। इन बंद में भी 8 तो स्रोत सूखने से बंद हैं, जबकि 4 मोटर पंप खराब होने से और 2 पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बंद होना बताया गया है।