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दलित नाबालिक से छेड़छाड़ और मारपीट, दो लोगों को दो-दो साल का कारावास

locationश्योपुरPublished: Feb 25, 2021 08:23:42 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

तीन साल पुराने एक मामले में विशेष न्यायालय से सुनाई सजा

श्योपुर
लगभग तीन साल पुराने एक अजजा वर्ग की नाबालिग लडक़ी के साथ छेड़छाड़ और उसके पक्ष के लोगों के साथ मारपीट करने वाले दो आरोपियों को विशेष न्यायालय ने गुरुवार को दो-दो साल की सजा और 16 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र जाधव ने पैरवी की।

मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ रिचा शर्मा ने बताया कि 21 फरवरी 2018 की शाम 5 बजे नाबालिग पीडि़ता ने अपने भाई को आकर बताया कि आरोपी रोहित मीणा, विनोद मीणा पुत्र लाखन उर्फ पहलवान मीणा निवासीगण ग्राम जलालपुरा हाल निवास कुम्हार मोहल्ला श्योपुर उसे रास्ते में निकलते समय उससे उल्टी-सीधी बाते करते है। इस बात पर से पीडि़ता का भाई और उसका दोस्त आरोपी विनोद मीणा और रोहित मीणा के घर पर बताने गए कि तुम बहन से क्यों उल्टी सीधी बातें उससे कहते हो, इसी बात पर से आरोपी विनोद मीणा और रोहित मीणा ने फरियादी के साथ गाली गलौच की और जातिगत गालियां दी। पीडि़त पक्ष के लोगों ने गाली देने से मना किया तो आरोपी रोहित मीणा पत्थर फेंककर मारा, जिससे पीडि़ता के पक्ष के व्यक्ति को सिर में चोट लगी। पीडि़त पक्ष ने पुलिस थाना अजाक श्योपुर में आरोपीगण के विरूद्ध रिपोर्ट की। जिसके बाद आरोपियों पर धारा 323/34,354(घ)भादवि व पॉक्सो एक्ट की धारा एवं अनुसुचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया। पुलिस ने न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया, जहां विचारण में न्यायालय ने आरोपियों को दोषी माना।
एडीपीओ रिचा शर्मा ने बताया कि विशेष न्यायालय श्योपुर ने विचारण के बाद आरोपीगणों को धारा 190, 323/34 भादवि में छह-छह माह का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपये का अर्थदंड, अनुसुचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम धारा 3(1)(आर),3(1)(एस) में छह-छह माह का सश्रम कारावास और एक-एक हजार के अर्थदण्ड से तथा भादवि की धारा 354(घ) की उपधारा 2 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 12 में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से आरोपीगणों को दण्डित किया गया। आरोपीगण पर कुल सोलह हजार रूपये का अर्थदण्ड किया गया।
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