हजारेश्वर मेला रंगमंच पर आयोजित हुए श्रद्धांजलि और सम्मान के मुख्य कार्यक्रम से पहले शहर में तीन रास्तों से मशाल यात्राएं भी निकाली गई। पाली रोड स्थित कॉलेज के सामने से, शिवपुरी रोड स्थित रेलवे स्टेशन के पास और मुख्य बाजार सूबात चौराहे से निकाली गई मशाल यात्राओं में मेरा रंग दे बसंती चोला और वीर शहीद अमर रहे के नारे गुंजायमान रहे। तीनों मशाल यात्राएं मेला मैदान पहुंची। इसके बाद शहीदों को तत्कालीन फांसी के समय 7.30 बजे सभी लाइट बंद कर दो मिनट का सामूहिक मौन धारण का श्रद्धांजलि अर्पित की गई और शहीदों को 21 तोपों की सलामी दी गई। शहीदों को श्रद्धांजलि के बाद कार्यक्रम में लाहौर षडय़ंत्र केस के क्रांतिवारी शहीद भगत सिंह के भांजे जगमोहन सिंह, शहीद महावीर सिंह के पौत्र असीम राठौड़ और डॉ.गया प्रसाद के पुत्र क्रांति कुमार, वर्ष 1857 की क्रांति के क्रांतिवीर शहीद तात्या टोपे के प्रपोत्र सुभाष टोपे, कांकोरी कांड के क्रांतिवीर शहीद अशफाक उल्ला खां के पौत्र अशफाक उल्ला खां और आजाद हिंद फौज के बद्री सिंह जादौन के पुत्र नरेंद्र सिंह जादौन का नागरिक सम्मान किया गया। इस दौरान पूरा परिसर भी शहीदों के सम्मान से गूंजता नजर आया। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।