बताया गया है कि जिलाा अस्पताल में शनिवार-रविवार की रात को कुछ मरीजों के अटैंडरों ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की छीना झपटी शुरू कर दी, तथा अपने मरीजों के लिये मनमाने ऑक्सीजन के प्रयोग के कारण ऑक्सीजन की एकदम किल्लत उत्पन्न हो गई। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान संकट में पड़ गई। अफसरों के मुताबिक स्थिति यह रही कि जो ऑक्सीजन 2 मई तक के लिये अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराई गई थी, वो कतिपय मरीजों के अटेंडरों ने 1 मई की रात को ही खत्म करवा दी। देर रात इसकी सूचना कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव एवं अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय को ऑक्सीजन आपूर्ति की इयूटी पर तैनात कर्मचारियों द्वारा दी गई। तब आनन-फानन में अफसरों ने रातभर जागकर दूसरे जिलों से बात कर आपात ऑक्सीजन व्यवस्था कर अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराई, तब कहीं मरीजों को इस संकट से बचाया जा सका। वहीं जिला प्रशासन ने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के माध्यम से सिलेंडरों की छीनाझपटी की हरकत करने वाले मरीजों के अटेंडरों को चिन्हित कर लिया है, जिनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।