विजयपुर क्षेत्र में यूं तो सुबह से ही मौसम साफ था, लेकिन उसके बाद आसमान पर छितराए बादल नजर आए। वहीं दोपहर 2 बजे के आसपास क्षेत्र के छिमछिमा हनुमान मंदिर के निकट एक लगभग तीन किलोमीट के दायरे में अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई। विशेष बात यह रही कि इस दौरान बारिश नहीं आई और आधा घंंटे से भी अधिक समय तक सूखे ओले गिरे, जिससे मंदिर पर रहने वाले साधु संतों में भी अफरा तफरी सी मच गई। इसके बाद धूप निकली और ओले पिघले तो मंदिर के निकट बह रही ईडर नदी भी लबालब हो गई। इस क्षेत्र में ओलावृष्टि होने से पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है, वहीं कई मवेशी भी घायल हो गए।
छिमछिमा हनुमान मंदिर की रामायण समिति के सरंक्षक रमेश तिवारी का कहना है कि ऐसी ओलावृष्टि हमने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी है। इतने खतरनाक ओले गिरे हैं कि हमारी समझ में यह नहीं आया कि यह क्या हो रहा है। ऐसा लगा मानो बादल फट गया हो, जबकि बरसात बिल्कुल नहीं है।