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आठ साल में भी नहीं ढूंढ पाए जमीन, अधर में लटका हवाई पट्टी का प्रस्ताव

locationश्योपुरPublished: Jul 11, 2021 08:58:00 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

-श्योपुर जिले में आठ साल पहले बनाया गया था हवाइपट्टी के लिए 9 करोड़ रुपए का प्राकलन, जमीन के अभाव में ठंडे बस्ते में प्रस्ताव,

आठ साल में भी नहीं ढूंढ पाए जमीन, अधर में लटका हवाई पट्टी का प्रस्ताव

आठ साल में भी नहीं ढूंढ पाए जमीन, अधर में लटका हवाई पट्टी का प्रस्ताव

श्योपुर,
जिले में आठ साल पहले दिखाए गए हवाई सफर के सपने फाइलों में ही हवा-हवाई हो गए। ऐसा इसलिए क्योंकि जिले में आठ साल पहले प्रस्तावित की गई हवाईपट्टी बनना तो दूर प्रशासन इसके लिए जमीन भी नहीं ढूंढ पाया। हालांकि तत्समय लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 9 करोड़ रुपए का प्राकलन तैयार कर शासन को भेजा गया, लेकिन जमीन के अभाव में प्रस्ताव अधर में लटक गया और बीते आठ सालों से ये फाइलों में ही कैद होकर रह गया।
बताया गया है कि एमपी सिविल एविएशन विभाग ने प्रदेश के सभी मुख्यालयों पर हवाई पट्टी का निर्माण कराने की योजना बनाई थी। जिसके तहत श्योपुर में भी हवाइपट्टी निर्माण के लिए रूपेरखा बनाई। तत्कालीन कलेक्टर जीबी पाटिल ने दिसंबर 2013 में इसके लिए राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों को जमीन चिन्हित करने और प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी दी। हालांकि तत्समय कुछ स्थानों पर जमीन भी देखी गई, लेकिन कहीं जमीन उपयोगी नहीं थी तो कहीं की जमीन अफसरों को पसंद नहीं आई। यही वजह है कि तत्कालीन अफसर हवाइपट्टी के लिए जमीन चिन्हित नहीं कर पाए और फिर मामला ठंडे बस्ते में ऐसा गया कि आज तक फाइलों से बाहर नहीं आया।
9 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव
जमीन चिन्हित नहीं होने के बावजूद तत्समय पीडल्ब्यूडी के माध्यम से शासन को प्राकलन बनाकर भी भेजा गया था, जिसके मुताबिक हवाईपट्टी के निर्माण की लागत लगभग 9 करेाड़ रुपए आंकी गई। यही नहींहवाई पट्टी बनाने के लिए जिले में 2600 मीटर लंबी व 1600 मीटर चौड़ी जमीन का हिस्सा चाहिए। जो पूरी तरह सपाट हो और हाईवे या जिला मुख्यालय को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग के समीप हो।
यहां देखी थी जमीनें, लेकिन नहीं बनी बात
आठ साल पहले पदस्थ राजस्व और पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने जिले में हवाइपट्टी के लिए सबसे पहले मानपुर व जैनी के पास जमीन देखी थी, लेकिन अफसरों को पसंद नहीं आई। इसके बाद कराहल के रानीपुरा में आसाराम गौशाला के पास की जमीन को हवाई पट्टी के लिए चिन्हित कर लिया, लेकिन उसकी नापजोख हुई तो वह आवश्यकता से कम निकली। इसके बाद सोंईंकला के पास जमीन देखी। लेकिन यहां भी बात नहीं बनी।
कूनो के लिहाज से उपयोगी
जिले के कूनो नेशनल पार्क में आगामी समय में अफ्रीकी चीतेे लाए जाने हैं, ऐसे में यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। लिहाजा यहां हवाइपट्टी बनेगी तो पर्यटक यहां हवाई मार्ग से भी पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही मंत्रियों और किसी वीआइपी के लिए श्योपुर दौरे के लिए भी बार-बार हेलीपेड बनाने या हेलीपेड के लिए जगह ढूंढने की भी समस्या से निजात मिलेगी।

सिंधिया के मंत्री बनने से उम्मीद
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछले दिनों केंद्र सरकार में केबिनेट मंत्री बनाए जाने और फिर नागरिक उड्डयन विभाग उन्हें दिए जाने के बाद श्योपुर की हवाइपट्टी का प्रस्ताव भी धरातल पर उतरने की उम्मीद है। हालांकि लोगों का कहना है कि सिंधिया रेलमंत्री बनने तो श्योपुर का ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट जल्द पूरा होता।
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