बारिश नहीं होने और सीप नदी का पानी लगातार कम होने से शहर का भूजलस्तर 15 जून के बाद से तेजी से गिरा है। जुलाई माह के पहले पखवाड़े में तो शहर में औसतन 25 फीट तक भूजलस्तर गिर गया है। यही वजह है कि जून माह में शहर को जेा भूजलस्तर 140 से 150 फीट पर था, वो अब बढ़कर 165 से 175 फीट तक पहुंच गया है। इसी के कारण शहर में पेयजल सप्लाई के लिए लगी एक सैकड़ा ट्यूबवेलों में से 60 मेेंं 20 से 25 फीट तक के पाइप बढ़ाने पड़े हैं। कुछ ट्यूबवेलों में तो 30 फीट तक के पाइप बढ़ाए गए हैं। हालंाकि अभी शहर में पेयजल की किल्लत नहीं आई है, लेकिन संकट की आहट हो गई है और बारिश नहीं हुई व पानी की बर्बादी नहीं रुकी तो हालात काफी प्रतिकूल होना तय है। नगरपालिका के सब इंजीनियर अशोकलाल गुप्ता का कहना है कि शहर में 20 से 30 फीट तक भूजलस्तर गिर गया है और 60 बोरों में पाइप बढ़ा दिए गए हैं। अभी और बोर में पाइप बढ़ाने का काम जारी है।
बिन बारिश शुरू हुई धान की रोपणी
जिले में बारिश के अभाव में खरीफ फसलों की बोवनी यूं तो अटकी हुई है, कुछ क्षेत्रों में धान की रोपणी शुरू हो गई है। जिसके लिए लगातार होने वाले भूजल के दोहन से भूजलस्तर गिर रहा है। बताया गया है कि इस बार जिले में 44 हजार हेक्टेयर में धान की फसल का रकबा रहने की संभावना है। ऐसे में यदि बारिश नहीं हुई तो न केवल भूजलस्तर प्रभावित होगा, बल्कि फसल की ग्रोथ भी प्रभावित होगी।
इस बार 100 मिमी तक भी नहीं पहुंचा आंकड़ा
आधा जुलाई माह बीत गया है, लेकिन इस बार जिले में बारिश का औसत आंकड़ा 100 मिमी तक भी नहीं पहुंचा है। जिले में 14 जुलाई तक की स्थिति में 91.5 मिमी औसत बारिश हुई है, जबकि गत वर्ष इस अवधि में 152.8 मिमी बारिश हो गई थी। उल्लेखनीय है कि जिले में बारिश का कुल औसत 822 है, जिसके अनुसार देखें तो अभी 10 फीसदी भी बारिश जिले में नहीं हुई है।