चीता परियोजना संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ.राजेश गोपाल (महासचिव, ग्लोबल टाइगर फोरम नई दिल्ली) के नेतृत्व में आरएन महरोत्रा (पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक और एचओएफएफ/सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू राजस्थान), डॉ. एचएस नेगी (पूर्व एपीसीसीएफ वन्यजीव), जीएस रावत (पूर्व डीन, भारतीय वन्यजीव संस्थान/सदस्य डब्ल्यूआईआई सोसाइटी देहरादून) और मित्तल पटेल (सामाजिक कार्यकर्ता, संस्थापक विचारता समुदाय समर्थन मंच अहमदाबाद) की पांच सदस्यीय टीम कूनो पहुंची। इस दौरान टीम ने पहले कूनो नेशनल पार्क का भ्रमण किया। यहां बाड़ों में रह रहे चीतों के बारे में जानकारी ली, साथ ही उनकी सुरक्षा और मॉनिटरिंग की स्थित देखी। टीम ने सुरक्षा के लिए बने आधुनिक सिस्टम की सराहना की। वहीं कूनो के अधिकारियों ने 17 सितंबर से अभी तक की जानकारी विस्तार से दी।
मीटिंग में देखा प्रजेंटेशन, सुझाव भी दिए
कूनो पार्क भ्रमण के बाद सेसईपुरा में कूनो रिसॉर्ट में टीम ने सीसीएफ और कूनो प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान सीसीएफ ने प्रजेंटेशन के माध्यम से चीता प्रोजेक्ट के बारे में बताया, जिसमें कितने चीते बाड़े हैं और कितने खुले जंगल में है, के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान टीम के अधिकारियों ने कुछ सुझाव भी दिए।
25 मई को गठित हुई समिति, कूनो का ये पहला दौरा
एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) द्वारा 25 मई को मध्य प्रदेश वन विभाग और एनटीसीए को चीतों के पुनर्वास की समीक्षा, प्रगति, निगरानी करने और परामर्श देने के लिए 11 सदस्यीय चीता परियोजना संचालन समिति का गठन किया गया है। गठन के बाद समिति की टीम ने कूनो का पहला दौरा किया और चीता प्रोजेक्ट की अभी तक की समीक्षा की।