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डॉक्टर न मशीन,कैसे ठीक हो आंखों की बीमारी

जिला अस्पताल में आठ माह से नहीं नेत्र विशेषज्ञ, ऑटोरेप मशीन के अभाव में एबीसीडी पढ़वाकर हो रही आंखों की जांच

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डॉक्टर न मशीन,कैसे ठीक हो आंखों की बीमारी

श्योपुर । जिला अस्पताल श्योपुर को भले ही शासन की ओर से १०० बिस्तर से बढ़ाकर २०० बिस्तर का कर दिया हो, लेकिन जिला अस्पताल में आज भी स्टॉफ की कमी की समस्या बनी हुई है। जिला अस्पताल की नेत्र इकाई में आंखो के इलाज के लिए न तो डॉक्टर की पदस्थी है और न ही आंखों की जांच के लिए ऑटोरेप मशीन की उपलब्धता है। ऐसे में नेत्र सहायक को मरीजों की आंखों की जांच डिजिटल युग में भी एबीसीडी पढ़वाकर करनी पड़ रही है। वहीं डॉक्टर के अभाव में आंखों के ऑपरेशन बंद पड़े हुए है।


खास बात यह है कि जिला अस्पताल के नेत्र विभाग द्वारा ऑटोरेप मशीन उपलब्ध कराए जाने के संबंध में डिमांड करीब ११ साल से भेजी जा रही है। वहीं नेत्र विशेषज्ञ की पदस्थी की जरुरत पिछले ८ माह से बनी हुई है। मगर इसके बाद भी जिला अस्पताल में न तो नेत्र विशेषज्ञ की पदस्थी हो पा रही है और न ही मशीन की उपलब्धता कराई जा रही है।


वृद्ध और बच्चों की आंखों की जांच में सबसे ज्यादा दिक्कतें
यूं तो ऑटोरेप मशीन न होने के कारण सभी मरीजों की आंखों की जांच करने में नेत्र इकाई स्टॉफ को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। लेकिन सबसे अधिक परेशानी बच्चों और वृद्धजनों की आंखों की जांच करने में आ रही है। क्योंकि कई निरक्षर वृद्ध अक्षर पढ़ नहीं पाते। जबकि कई छोटे बच्चे भी ठीक से बता नहीं सकते।


आठ माह से डॉक्टर नहीं,नेत्र ऑपरेशन भी बंद
जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में पदस्थ नेत्र विशेषज्ञ डॉ शिवप्रताप सिंह राठौड़ का आठ माह पूर्व तबादला होने के बाद यहां श्योपुर में अभी तक किसी दूसरे नेत्र विशेषज्ञ की पदस्थी नहीं हो सकी है। जिसकारण अस्पताल में न तो नेत्र ऑपरेशन हो पा रहे है और न ही मरीजों को आंखों का ठीक इलाज मिल पा रहा है। ऐसे में जिले को मिले नेत्र ऑपरेशन के लक्ष्य की पूर्ति होना संभव नहीं लग रही है।


एक्सपर्टव्यू
ऑटोरेप मशीन होनी चाहिए। क्योंकि इस मशीन से न सिर्फ मरीजों की आंखों की जांच करने में सुविधा होगी,बल्कि चश्मे का एक्यूरेट नंबर भी शीघ्रता से मिल सकेगा।
डॉ शिव प्रताप सिंह राठौड़ नेत्र रोग विशेषज्ञ

नेत्र विशेषज्ञ की पदस्थी के लिए शासन को लिख दिया गया है। वहीं ऑटोरेप मशीन की डिमांड यदि नेत्र विभाग से आएगी तो उसकी खरीदी को लेकर भी विचार करेंगे।
डॉ एनसी गुप्ता, सीएमएचओ,श्योपुर


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