श्योपुर में होता है उच्च क्वाालिटी का बासमती चावल
जीआइ टैग नहीं मिलने से किसानों को नहीं मिलते पर्याप्त दाम
कम भाव में खरीदकर ले जाते हैं हरियाणा-पंजाब के व्यापारी
ऊंचे दामों पर विदेशों में करते हैं निर्यात
Exclusive : हमारी मेहनत की ‘धान’ बढ़ा रही पड़ोसी की ‘शान’ SEE VIDEO
ऋषि कुमार जायसवाल @ ग्वालियर. धान के उत्पादन में पिछले कुछ सालों से श्योपुर ने देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां बेहद उच्च क्वालिटी का सुगंधित बासमती चावल पैदा होता है, लेकिन इसे विडंबना ही कहें कि इसका फायदा हमारे पड़ोसी राज्य के व्यापारी उठा ले जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि मप्र के बासमती चावल को जीआइ टैग नहीं मिला है। इस वजह से हरियाणा-पंजाब के व्यापारी श्योपुर के धान को श्योपुर मंडी और राजस्थान की कोटा मंडी में सामान्य भाव पर खरीदने के बाद ऊंचे दामों पर विदेशों में निर्यात करते हैं। हरियाणा और पंजाब के धान को जीआइ टैग मिला हुआ है।
श्योपुर मंडी में आया 5 लाख क्ंिवटल धान जिले में बढ़ते धान के रकबे के बीच अब श्योपुर कृषि मंडी में भी धान की खरीदी ने रफ्तार पकड़ी है। यही वजह है कि श्योपुर मंडी में वर्ष 2019 से धान की खरीदी प्रारंभ हुई, जिसके बाद इस साल पहली बार 5 लाख क्ंिवटल धान की आवक हुई हे। वहीं भाव भी 3000 से 3500 रुपए प्रति क्ंिवटल के आसपास रहा। वहीं शेष किसानों ने कोटा में जाकर अपना धान बेचा।
यह भी जानिएश्योपुर में उच्च क्वालिटी का धान श्योपुर जिले में उच्च क्वालिटी का धान होता है, जिसके चलते हमारे यहां कोटा मंडी में भी इसकी डिमांड ज्यादा रहती है और हरियाणा-पंजाब के व्यापारी भी इस पर फोकस करते हैं। पुलकित खंडेलवाल, धान व्यापारी, कोटा राजस्थान
किसान-व्यापारी दोनों को फायदा हमारे बासमती को जीआइ टैग मिलेगा तो इससे श्योपुर जिले के किसानों और व्यापारियों दोनों को फायदा होगा। किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे, वहीं यहां के व्यापारी स्वयं सीधे निर्यात कर सकेंगे। चंदू शर्मा, धान व्यापारी, श्योपुर
मिलना चाहिए जीआइ टैग मप्र के बासमती चावल को यदि जीआई टैग मिलता है तो श्योपुर के हजारों किसानों को दोगुना फायदा होगा। हमारे जिले में सबसे उच्च क्वालिटी का धान हो रहा है। महावीर मीणा, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा श्योपुर