हालांकि आज के हाइटेक दौर में जहां निजी क्षेत्र के साथ ही सरकारी सिस्टम भी पूरी तरह ऑनलाइन हो रहा है, वहां श्योपुर जिले की वेबसाइट का काफी समय से अपडेट न होना भी संबंधित कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। जबकि हर हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट होने से लोग जानकारियां ऑनलाइन सर्च करते हैं, ऐसे में जब गलत जानकारी मिलेगी तो फिर जिला प्रशासन की वेबसाइट कैसे विश्वसनीय होगी। स्थिति ये है कि श्योपुर की ऑफिशियल वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट श्योपुर डॉट एनआइसी डॉट इन को खोलते हैं, तो पाते हैं कि इसकी जानकारियां काफी समय से अपडेट नहीं हुई। वेबसाइट में आज भी श्योपुर विधायक दुर्गालाल विजय और विजयपुर विधायक रामनिवास रावत दर्ज हैं।
स्कूलों की जानकारी भी गलत
श्योपुर जिला प्रशासन की वेबसाइट पर केवल विधायकों की ही जानकारी गलत नहीं है बल्कि कई और भी जानकारियां पुरानी दर्ज है, जिससे वेबसाइट पर आने वाले व्यक्ति का भ्रमित होना तय है। स्थिति ये है कि वेबसाइट पर आज भी जिले में प्रायमरी स्कूलों की संख्या 861 है, जबकि हकीकत में ये संख्या 855 है। वहीं मिडिल स्कूल 253 दर्शाए गए हैं, जबकि धरातल पर 280 स्कूल हैं। हाइस्कूल भी वेबसाइट पर 30 हैं, जबकि जिले में 41 हैं, तेा हायरसैकंडरी जिले में 31 हैं, लेकिन वेबसाइट पर महज 18 प्रदर्शित हैं।
श्योपुर जिला प्रशासन की वेबसाइट पर केवल विधायकों की ही जानकारी गलत नहीं है बल्कि कई और भी जानकारियां पुरानी दर्ज है, जिससे वेबसाइट पर आने वाले व्यक्ति का भ्रमित होना तय है। स्थिति ये है कि वेबसाइट पर आज भी जिले में प्रायमरी स्कूलों की संख्या 861 है, जबकि हकीकत में ये संख्या 855 है। वहीं मिडिल स्कूल 253 दर्शाए गए हैं, जबकि धरातल पर 280 स्कूल हैं। हाइस्कूल भी वेबसाइट पर 30 हैं, जबकि जिले में 41 हैं, तेा हायरसैकंडरी जिले में 31 हैं, लेकिन वेबसाइट पर महज 18 प्रदर्शित हैं।
वेबसाइट पर ये भी पुरानी जानकारी
-कूनो को वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी लिखा गया है, जबकि अब नेशनल पार्क हो चुका है।
-बसों का टाइमटेबल लिस्ट डली है, जो 24 नवंबर 2011 की है।
-कराहल और ढोढर में कॉलेज खुल गए हैं, लेकिन कॉलेज की टेबल में उसका उल्लेख नहीं।
-जिला अस्पताल 200 बिस्तरीय हो गया, लेकिन यहां 100 बिस्तरीय दर्ज है।
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अभी 9 दर्शाएं हैं, जबकि मानपुर में भी पीएचसी खुल गई है।
-कूनो को वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी लिखा गया है, जबकि अब नेशनल पार्क हो चुका है।
-बसों का टाइमटेबल लिस्ट डली है, जो 24 नवंबर 2011 की है।
-कराहल और ढोढर में कॉलेज खुल गए हैं, लेकिन कॉलेज की टेबल में उसका उल्लेख नहीं।
-जिला अस्पताल 200 बिस्तरीय हो गया, लेकिन यहां 100 बिस्तरीय दर्ज है।
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अभी 9 दर्शाएं हैं, जबकि मानपुर में भी पीएचसी खुल गई है।