इसके साथ ही शासन ने दिशा-निर्देश भी दिए हैं, कि कहीं भी बाल विवाह होता पकड़ा गया तो न केवल अभिभावक ही नहीं बल्कि कार्ड छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस से लेकर पंडित तक पर कार्रवाई की जाएगी। जारी निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में वर की आयु 21 वर्ष से कम तथा वधू की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होने चाहिए। यदि ऐसा मिलता है तो वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। बाल विवाह करने वालों के साथ ही प्रोत्साहित करने वाले जैसे बाराती, गार्डन मालिक, टेंट हाउस, खाना बनाने वाले रसोइया, केटर्स, काजी, पंडित व पत्रिका छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक पर भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी रिशु सुमन ने बताया कि प्रशासन ने जिले के तीनों ब्लॉकों में एसडीएम की अध्यक्षता में उडऩदस्ते गठित कर दिए हैं, जिसमें एसडीओपी सहित अन्य ब्लॉक लेवल और तहसीलस्तर के अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही सभी को निर्देशों की कॉपी भिजवा दी है।
सूचना देने वाले का नाम रहेगा गोपनीय
बाल विवाह अवरोध अधिनियम 2006 के तहत यह एक संज्ञेय अपराध है,जिसमें दो वर्ष का सश्रम कारावास या 1 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह की सूचना देने वाले कानाम भी गोपनीय रहेगा। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर सूचना दी जा सकती है।
गांव-गांव जागरूक कर रहे मानव मित्र
बाल विवाह न करने के लिए मानव आयोग मित्र हनुमान तिवारी भी गांव-गांव घूमकर लोगों को न केवल जागरुक कर रहे हैं बल्कि ग्रामीणों को संकल्प भी दिलवा रहे है। तिवारी पांडोला और अपने आसपास के गांवों में प्रतिदिन घूमकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं।