अमिता सिंह 2011 में कौन बनेगा करोड़पति शो में भी शिरकत कर चुकी हैं।
अमिता सिंह ने अपने ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पोस्ट की है।
कभी बिग-बी के साथ हॉट सीट पर बैठीं थीं ये लेडी अफसर, कहा- प्रशासनिक अकादमी में होती है चाटुकारिता-भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग
श्योपुर. मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह ने इन दिनों फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट में अपने ही विभाद के अधिकारियों के खिलाफ लेख लिखा है। उन्होंने अपने लेख का शीर्षक ‘चाटुकारिता और भ्रष्टाचार बनाम शासकीय सेवा’ लिखा है। अमिता सिंह ने अपनी पोस्ट में नायब तहसीलदारों को भ्रष्ट औऱ चाटुकार बताते हुए श्योपुर जिले के कलेक्टर को भी आड़े हाथों लिया है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अब तो प्रशासनिक अकादमी में ही चाटुकारिता और भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग दी जाती है।
और क्या लिखा उन्होंने लिखा- एक शासकीय कर्मचारी होने के नाते शीर्षक में अंकित शब्दावली से न केवल बहुत अच्छी तरह परिचित हूं बल्कि प्रताड़ित होने के कारण इसकी संवेदनशीलता और प्रभाव भी जानती हूं ! मेरे कई साथियों को शायद यह नागवार गुज़रे, कष्ट हो , खिसियाहट हो पर जो इस वेदना से गुज़र चुके हैं या गुज़र रहे हैं उनके रिसते हुए ज़ख़्मों पर ये मलहम ज़रूर लगाएगा ठंडक पहुंचाएगा क्योंकि CCA रूल की मर्यादा के कारण सबकी ज़ुबान बंद रहती है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ़ ब्लैकमेलर पत्रकारों को, फ़िल्मी भांड को ही मिली हुई है बाक़ी देशवासी किसी न किसी रूप से अपनी भावनाएं अभिव्यक्त करते ही किसी न किसी क़ानूनी शिकंजे में फंस जाते हैं और फिर भागते हैं उनके मित्र और परिजन कोर्ट की ओर उनको ज़मानत दिलाने को। हाल ही में एक मीम ट्वीटर पर डालने के कारण एक लड़की को हवालात की हवा खानी पड़ी थी सभी को स्मरण होगी वो घटना।
चाटुकार और भ्रष्ट कर्मचारियों के लिए उसके मायने बदल दिए जाते हैं। हमारे केडर की बात करें मेरे एक साथी तहसीलदार पर लोकायुक्त के 59 केस दर्ज हैं पर वो सदा मुख्यालय तहसीलदार के पद पर ही सुशोभित रहते हैं। सारे नियम दरकीनार क्योंकि सबसे बड़ा गुण वरिष्ठ अधिकारियों की चाटुकारिता और भ्रष्टाचार में निपुणता उनके सारे दुर्गुनों पर भारी पड़ती है। हम लोगों ने अकादमी में जो ट्रेनिंग की थी वो विभागीय परीक्षा के लिए और काम करने की क्षमता बढ़ाने के लिए की थी पर पिछले 2-3 नायब तहसीलदारों के बैच को अपने साथ काम करते देख कर लगता है कि अकादमी में अब कार्य के प्रति निष्ठा और अनुशासन की ट्रेनिंग नहीं चाटुकारिता और भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग दी जा रही है।
हम वरिष्ठ तहसीलदारों को परे हटाकर इन नव नियुक्त साहबानो को मुख्यालय तहसीलदार के पद पर नवाज़ा जा रहा है। जिले के वरिष्ठतम अधिकारी , तहसील के वरिष्ठतम अधिकारी इन्हें अपने साथ गाड़ी में बैठा कर हमेशा घूमते नज़र आएंगे। आज भी वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष सीधे बैठने वाले हम लोगों के सामने ये नव नियुक्त अधिकारी बड़े साहब की बाज़ू में कुर्सी डालकर काना फुंसी करके बात करते हैं आज तक समझ नहीं आया कि ऐसा क्या गुण हैं इन नए नए साहिबान में ?
कौन बनेगा करोड़पति में जीते थे 50 लाख रुपए अमिता सिंह कौन बनेगा करोड़पति के सीजन-2011 में शिरकत कर चुकी हैं। उन्होंने इस सीजन में 50 लाख रुपए जीते थे। कौन बनेगा करोड़पति जीतने के बाद ही अमिता सिंह सुर्खियों में आईं थी।