मध्यप्रदेश में दिल्ली, जयपुर, आगरा आदि की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए अभी ग्वालियर ही एकमात्र प्रवेश द्वार है। ऐसे में पर्यटक शिवपुरी की ओर या फिर ओरछा झांसी की ओर निकल जाता है और श्योपुर अछूता रह जाता है। चूंकि श्योपुर राजस्थान की सीमा से सटा और यहां से 56 किलोमीटर दूर राजस्थान का सवाईमाधोपुर प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, लिहाजा सवाईमाधोपुर आने वाला पर्यटक श्योपुर के रास्ते मध्यप्रदेश पर्यटन पर आए, इसकी काफी संभावनाएं हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क, राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य सहित ऐतिहासिक किला और तमाम ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन तो है ही, साथ ही आदिवासी बाहुल्य होने के कारण सहरिया संस्कृति के रूप में बेहतर सांस्कृतिक पर्यटन भी है। यही वजह है कि जिला पर्यटन परिषद श्योपुर को मध्यप्रदेश टूरिज्म का नया प्रवेश द्वारा बनाने और जिले के पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद में जुटा है।
निश्चित रूप से श्येापुर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और ये मध्यप्रदेश का दूसरा पर्यटन प्रवेश द्वार बन सकता है। इसके लिए हम नवंबर में एक सेमीनार करने की रूपरेखा बना रहे हैं।
रूपेश उपाध्याय, एसडीएम और नोडल अधिकारी डीटीपीसी श्योपुर