यात्री बसों के अभाव में निजी साधनों से कहीं बहनें भाई के पास आईं, तो कुछ भाई अपनी बहनों के पास राखी बंधवाने के लिए पहुंचे। सोमवार को श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर सुबह से ही घरों में रक्षाबंधन के लिए तैयारियां शुरू हो गई थी। रक्षाबंधन की खुशियां मनाने में बच्चों ने विशेष उत्साह दिखाया। शुभ मुहुर्त में महिलाओं द्वारा घरों के देहरी द्वार पर श्रवण पूजा के साथ रक्षाबंधन मनाने की शुरुआत हुई। सजी संवरी बहनों ने भाइयों को राखी बांधने के लिए थाली सजाई। घर के बुजुर्गों के मार्गदर्शन में बहनों ने भाई के मस्तक पर मंगल तिलक लगाकर उनकी कलाई पर राखी बांधी और मुंह मीठा करवाया। बलइयां लेते हुए बहनों ने भाइयों की दीर्घायु और उनकी प्रगति की कामनाएं की। बदले में भाइयों ने भी बहनों को उनकी पसंद का उपहार दिया। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जेल में बंदियों को उनकी बहनों द्वारा राखी बांधने की अनुमति नहीं मिली।
बाजारों में भी लौटी रौनक
रक्षाबंधन के मद्देनजर सोमवार केा बाजारो में भी रौनक नजर आई। हालांकि शनिवार को बाजार खुला था, लेकिन शुक्रवार को टोटल लॉकडाउन के चलते शनिवार को बाजार में सन्नाटा सा रहा, वहीं रविवार को फिर लॉकडाउन होने से तीन दिन बाद सोमवार को बाजारों में ग्राहकी चमकी। यही वजह रही कि सुबह से ही बाजारों में रौनक दिखी और दुकानदार व व्यापारियों को भी अब त्योहारी सीजन में नई उम्मीद जागी।