जिले में 629 गांव मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड मेंं दर्ज हैं, जिनमें से 481 गांवों में गत वर्ष विभाग ने चार लाख से अधिक मच्छरदानियों का वितरण किया, लेकिन इस मच्छरदानी वितरण में भी जिले में 148 गांव छोड़ दिए। विभाग का तर्क था कि इन गांवों में मलेरिया की स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है। अब आगामी वर्षाकाल में मलेरिया के बढऩे की संभावना के मद्देनजर इन गांवों में से 65 गांवों में सिंथेटिक पाइराथ्राइड दवा का छिड़काव कराएगा। जबकि शेष 83 गांव फिर वंचित रह जाएंगे, जिन्हें न तो गत वर्ष मच्छरदानी मिली और न ही इस बार दवा का छिड़काव हो पाएगा। जिसके चलते इन गांवों के वाशिंदे फिर मच्छरों से दो चार होंगे। जिले में आगामी 16 जून से इन 65 गांवों में दवा छिड़काव किया जाएगा। जिला मलेरिया सलाहकार कीरत सिंह कवाचे का कहना है कि 65 गांवों में दवा छिड़काव होगा, जिसके लिए मजदूरों से आवेदन लिए जा रहे हैं।
मलेरिया माह प्रारंभ, रवाना किया जागरुकता रथ
जून को मलेरिया माह के रूप में मनाया जाता है। इसी के तहत सोमवार से मलेरिया माह शुरू हो गया। इसी के तहत लोगों को जागरुक करने के लिए सोमवार को मलेरिया रथ भी रवाना किया गया है। सोमवार को ये रथ कराहल के गांवों में भ्रमण के लिए रवाना हुआ।