श्योपुर

बोझ लगने लगी पढ़ाई,इसलिए पढ़ाई छोड़ कामधंधा करने चले गए

-दिल्ली जाकर तलाशा कामधंधा,मगर नहीं मिला काम,पैसे भी हो गए खर्च,इसलिए दिल्ली से वापस सवाईमाधोपुर आ गए-सवाईमाधोपुर से पुलिस ने चारो बच्चों को किया बरामद

श्योपुरOct 18, 2019 / 08:23 pm

Laxmi Narayan

बोझ लगने लगी पढ़ाई,इसलिए पढ़ाई छोड़ कामधंधा करने चले गए

श्योपुर,
दो दिन पहले बड़ौदा से लापता हुए चारो बच्चे सकुशल मिल गए। शुक्रवार को पुलिस ने चारों बच्चों को राजस्थान के सवाईमाधोपुर से बरामद किया है। चारों बच्चो का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। उनको पढ़ाई बोझ लगने लगी। इसलिए चारो बच्चे योजना बनाकर कामधंधा करने के लिए चले गए। दिल्ली जाकर उन्होने कामधंधा भी तलाशा। मगर उनको कामधंधा नहीं मिला। जो पैसे उनके पास थे,वे भी खर्च हो गए। इसलिए चारो बच्चे वापस दिल्ली से सवाईमाधोपुर आ गए। जहां से पुलिस ने सवाईमाधोपुर की कोतवाली पुलिस के सहयोग से चारो बच्चों को बरामद कर लिया।
शुक्रवार की शाम को पुलिस कंट्रोलरूम में इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी नगेन्द्र सिंह ने पुलिस टीम को 5 हजार रुपए का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। इस मौके पर एएसपी पीएल कुर्वे,एसडीओपी रामतिलक मालवीय, टीआई बड़ौदा मनोज झा भी उपस्थित थे। यहां बता दें कि बड़ौदा के एक निजी स्कूल में पढऩे वाले चार बच्चे निक्की (11) पुत्र सुल्तान मीणा, अमित (14) पुत्र विजय शर्मा, सोनू उर्फ सोनेश (15) पुत्र किशोरीलाल धाकड़, विष्णु (12) पुत्र पूरण शर्मा 16 अक्टूबर को सुबह घर से स्कूल जाने की कहकर निकले थे। इसके बाद लापता हो गए। चारो बच्चों के एक साथ लापता होने पर बड़ौदा थाना पुलिस गंभीर हुई और परिजनों की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरु की और शुक्रवार को चारो बच्चों को बरामद कर लिया।
बिहार में जाकर काम करने और बड़े होकर वापस लौटने की थी योजना
बड़ौदा टीआई मनोज झा ने बताया कि चारो बच्चे पढ़ाई में कमजोर थे और उनको पढ़ाई बोझ लगने लगी थी। इसलिए चारो बच्चों ने एक दिन पहले चंद्रसागर तालाब पर एक साथ बैठकर योजना बनाई कि अब पढ़ाई होती नहीं है। इसलिए चारो मिलकर बिहार चलते है। वहां जाकर कामधंधा करेगे और दाढ़ी-मूंछ आने पर वापस लौटेगे। लेकिन सवाईमाधोपुर पहुंचकर इनको बिहार जाने का रास्ता नहीं मिला। इसके बाद चारो बच्चे दिल्ली पहुंच गए।
दो दिन में खर्च कर दिए 25 हजार रुपए
निक्की मीणा अपने घर से 18 हजार 500 रुपए तथा अन्य बच्चे भी पैसे ले गए थे। चारो बच्चों ने अपनी किताबो को भी पैसो से बेच दिया। बताया गया है कि चारो बच्चों के पास करीब 25 हजार रुपए हो गए। जिनको खर्च करते हुए चारो बच्चे दिल्ली पहुंचे और उन्होने पहनने के लिए कपड़े आदि भी खरीदे और कामधंधा भी तलाशा। मगर उनको काम नहीं मिला। जब सारे पैसे खर्च हो गए। तब चारो बच्चे दिल्ली स्टेशन पर रात बिताने के बाद वापस सवाईमाधोपुर आ गए।
ऐसे मिली पुलिस को लोकेशन
चारो बच्चे जब दिल्ली से वापस सवाईमाधोपुर पहुंचे तो उन्होने एक बच्चे से उसके घर वालो के पास किसी दूसरे के नंबर से फोन लगाकर बताया कि हमको कोई उठाकर ले आया है। यह बात परिजनो ने तत्काल पुलिस को बताई। पुलिस ने बिना कोई देर किए उस नंबर के जरिए बच्चों को लोकेशन पता की और सामरसा चौकी पुलिस सहित राजस्थान पुलिस के सहयोग से चारो बच्चों को सवाईमाधोपुर से बरामद कर लिया।
वर्जन
चारो बच्चे सकुशल मिल गए। मगर ऐसे मामले आगे घटित न हो,इसके लिए जिले के अभिभावको को जागरुक होकर यह देखने की जरुरत है कि उनके बच्चे क्या कर रहे है और स्कूल में क्या पढ़ रहे है।वे मोबाइल का क्या उपयोग कर रहे है।
नगेन्द्र सिंह
एसपी,श्योपुर
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