लगभग साढ़े चार सौ वर्ष पुराने किला सोनघटा के ऐतिहासिक श्रीराम जानकी मंदिर पर शनिवार से चैत्रीय नवरात्र और रामजन्म उत्सव की धूम प्रारंभ हो गई है। हालांकि श्रद्धालु दर्शनों को पहुंच रहे हैं, लेकिन हमेशा की तरह इस वर्ष भी न केवल श्योपुर बल्कि दिल्ली, भोपाल,इंदौर, ग्वालियर, मुंबई सहित राजस्थान के शहरों और गांवों के श्रद्घालुओं ने 1५9 अखंड ज्योतियां प्रज्ज्वलित करवाई है। इनकी देखभाल मंदिर के राजऋषि महंत रामभरोसी महाराज पूरी सावधानी और समर्पण के साथ करते रहते है।
वे बताते है कि प्रारंभ में लगभग 35 साल पहले किसी एक श्रद्घालु द्वारा समाधि कक्ष में अपनी किसी मनोकामना के पूरी होने पर अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की थी। जो आज भी निरंतर चल रही है। इसके बाद नवरात्र में अखंड ज्योति स्थापित करने का जो सिलसिला चला तो वह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। दूर दराज शहरों में बसे लोग वहीं से मंदिर के ठाकुर जी का स्मरण कर मनौती मांग लेते है और मनोरथ पूरा होने पर नवरात्रों में अपनी अखंड ज्योति लगाकर भगवान के प्रति श्रद्घा और कृतज्ञता जताते है। यही वजह है कि छोटी छोटी कटोरियों में रुई की बाती और गाय के घी से जलती इन ज्योतियों के दर्शन श्रद्घालुओं में ऊर्जा का संचार करती है।