scriptजलीय जीवों की गणना करने नदी में उतरी टीम, 15 दिन चलेगा सर्वे | Survey to run in river, 15 days to calculate aquatic organisms | Patrika News

जलीय जीवों की गणना करने नदी में उतरी टीम, 15 दिन चलेगा सर्वे

locationश्योपुरPublished: Feb 01, 2019 08:39:50 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में जलीय जीव और पक्षियों की गणना शुरू, पार्वती के सूरथाग घाट से प्रारंभ हुई गणना

sheopur

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बड़ौदा/श्योपुर,
राष्ट्रीय घडिय़ाल अभयारण्य में जलीय जीवों वार्षिक गणना प्रारंभ हो गई है। शुक्रवार को गणना का शुभारंभ घडिय़ाल अभयारण्य के शामिल श्योपुर की पार्वती नदी के 60 किमी हिस्से से प्रारंभ हुई। 15 दिन तक चलने वाली इस गणना के लिए सर्वे टीम को सीसीएफ एचएस मोहंता सहित अन्य अफसरों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पार्वती नदी के 60 किमी और चंबल के 435 किमी लंबे एरिया में फैले राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य में यूं तो घडिय़ालों की गणना पर विशेष फोकस रहता है, लेकिन मगर व डॉल्फिन की भी गणना की जाती है, साथ ही स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का सर्वे किया जाता है। शुक्रवार को पार्वती नदी के सूरथाग-बड़ौदिया घाट क्षेत्र से गणना प्रारंभ होने के बाद सर्वे टीम पाली घाट से चंबल में प्रवेश कर जाएगी और 15 फरवरी तक ये गणना उत्तरप्रदेश के चकरनगर तक होगी। शुक्रवार को गणना शुभारंभ अवसर पर सीसीएफ मोहंता के साथ ही डीएफओ मुरैना पीडी गे्रेवियल, श्योपुर कूनो डीएफओ ब्रिजेंद्र श्रीवास्तव, सामान्य डीएफओ श्योपुर अभिनव पल्लव, रैंज ऑफिसर नृपत त्रिवेदी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि विलुप्त होती घडिय़ाल प्रजाति को संरक्षण के लिए ही राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की स्थापना यूं तो वर्ष 1978 में की गई थी, लेकिन अभारण्य में घडिय़ालों की गणना का कार्य वर्ष 1984 से प्रारंभ हुआ है। वर्तमान में घडिय़ालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
वन्यजीव संस्थान के रिसर्चर भी सर्वे में शामिल
15 दिनों तक चलने वाले इस वार्षिक सर्वे में घडिय़ाल प्रबंधन की टीम के साथ ही भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून सहित कुछ अन्य संस्थानों के रिसर्च स्कॉलर भी भागीदारी कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि शुक्रवार को पहले दिन सीसीएफ मोहंता और डीएफओ मुरैना ग्रेवियल भी सर्वे टीम के साथ बोट पर रहे और गणना कार्य देखा। इसमें देवरी घडिय़ाल केंद्र के केयर टेकर ज्योति दंडोतिया, प्रवीण, सुरेश, सुयश, हरिमोहन मीणा, पुरुषोत्तम आदि सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
बीते पांच वर्ष में यूं बढ़े घडिय़ाल और मगर
वर्ष घडिय़ाल मगर डॉल्फिन
2018 1681 613 74
2017 1255 562 75
2016 1162 464 78
2015 1151 402 72
२०१४ १०८८ ३९० 66

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