सिख समाज के लोगों के हटाए अतिक्रमण की जांच के लिए मंगलवार को आई पंजाब सरकार की टीम के समक्ष कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक नगेंद्र ङ्क्षसह ने वर्ष 2011 में कराहल में पदस्थ रही तहसीलदार अमिता सिंह तोमर द्वारा फर्जी पट्टे किए जाने की बात कही। साथ ही उन्हें निलंबित करने की बात भी की। ये खबरे बुधवार को निलंबित तहसीलदार अमिता सिंह तोमर ने अखबारों में बढ़ी तो उन्होंने जिला प्रशासन के अफसरों के साथ आर-पार की ठानी है। अमिता सिंह ने कहा कि मैंने अपनी 19 साल की नौकरी में 13 जिलों और 29 तहसीलों में नौकरी की है, लेकिन एक इंच भी किसी का पट्टा जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अफसरों ने हमारे ऊपर 2011 में पट्टे जारी करने की बात कही है, जबकि कराहल में तो मैंने 31 दिसंबर 2012 को ज्वाइन किया,फिर 2011 में कैसे पट्टे कर दिए।
उन्होंने कहा है कि जिन 12 सिखो के घर तोड़े गए उनके पट्टे 2002-03 के हैं और 2006 में अमल हुए, उस समय तो मैं जिला सीहोर मे नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ थी, फिर हमने कैसे पट्टे कर दिए।