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फिर धुंधली पड़ी अस्पताल की नजर

locationश्योपुरPublished: Feb 19, 2019 08:34:06 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

-जिला अस्पताल का मामला-इस्तीफा देकर चली गई आंखों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में पदस्थ हुई डॉक्टर-डॉक्टर नहीं होने से रैफर किए जा रहे आंखों की परेशानी वाले मरीज


श्योपुर,
जिला अस्पताल में आंखों का इलाज मिलना फिर बंद हो गया है। कारण यह है कि आंखों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर है और न ही जांच करने के लिए मशीन उपलब्ध है। खास बात यह है कि इंतजार के बाद जो महिला डॉक्टर पदस्थ हुई थी, वह महिला डॉक्टर इस्तीफा देकर यहां से चली गई है। ऐसे में आंखों के इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजो को जहां वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं आंखो की चोट खाकर आने वाले मरीजो को रैफर किया जा रहा है। आंखों के डॉक्टर की समस्या काफी समय से बनी हुई है। मगर इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे है।
काफी समय से बनी डॉक्टर की समस्या
जिला अस्पताल में आंखों के इलाज के लिए डॉक्टर की समस्या काफी दिन से बनी हुई है। यहां आंखों के इलाज के लिए शासन जो डॉक्टर पदस्थ करता है,वे ज्यादा दिन नहीं रुकते है। डॉ शिवप्रताप सिंह राठौड़ के तबादले के बाद डॉ आकांक्षा उचारिया की पदस्थी करीब १० माह का इंतजार करने के बाद जिला अस्पताल में हुई। बताया गया है कि आंखो के इलाज के लिए पदस्थ हुई डॉ आकांक्षा दो माह रुकने के बाद यहां से इस्तीफा देकर चली गई।
नहीं हो रहे नेत्र ऑपरेशन,रैफर हो रहे मरीज
नेत्र रोग विशेषज्ञ न होने के कारण जिला अस्पताल में न तो नेत्र ऑपरेशन हो पा रहे है और न ही मरीजों को आंखो का ठीक इलाज मिल पा रहा है। ऐसे में जिले को मिले नेत्र ऑपरेशन के लक्ष्य की पूर्ति होना संभव नहीं लग रही है। इतना ही नहीं,आंखों की चोट लेकर आने वाले मरीजों को रैफर किया जा रहा है।
मशीन भी नहीं,एबीसीडी पढ़वाकर हो रही आंखों की जांच
जिला अस्पताल की नेत्र इकाई में इलाज के लिए जहां कोई डॉक्टर पदस्थ नहीं है। वहीं आंखों की जांच करने के लिए ऑटोरेफ मशीन भी नहीं है। जिसकारण नेत्र इकाई में पदस्थ नेत्र सहायक को मरीजों की आंखों की जांच डिजिटल युग में भी एबीसीडी पढ़वाकर करनी पड़ रही है।
वर्जन
डॉक्टर की पदस्थी करने का काम शासन स्तर का है। हमने नेत्र विशेषज्ञ न होने के कारण प्रभावित कार्य और परेशानी आने के संबंध में कई बार वरिष्ठों को बता दिया गया है।
डॉ आरबी गोयल
सिविल सर्जन,श्योपुर
फैक्टफाइल
५०-मरीज आंखो संबंधी परेशानी लेकर रोज पहुंचते है जिला अस्पताल
१०-मरीजों की चश्मे के नंबर के लिए होती हैप्रतिदिन जांच
०२-माह रुककर चली गई आंखों के इलाज को आई डॉक्टर
१२-साल से की जा रही ऑटोरेप मशीन की डिमांड

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