आठ साल पहले बना भवन एक साल में हुआ जर्जर, झूलने लगी छत
श्योपुरPublished: Nov 22, 2019 01:31:21 pm
-पुराने आदिवासी बालक आश्रम में शुरू करनी पड़ी कक्षाएं- शिकायत के बाद भी पंचायत सचिव और सरपंच पर नहीं हुई कार्रवाई
आठ साल पहले बना भवन एक साल में हुआ जर्जर, झूलने लगी छत
श्योपुर/कराहल
आठ साल पहले गोरस में बना नवीन बालक अदिवासी आश्रम का अतिरिक्त कक्ष एक साल बाद ही घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गया। भवन की छतझूलने लगी, तो यहां संचालित होने वाली कक्षाएं बंद कर पुराने आदिवासी बालक आश्रम में संचालित करना पड़ रही हैं। गुणवत्ता परख काम नहीं होने की शिकायत आश्रम अधीक्षक ने विभागीय अधिकारियों को की, लेकिन पंचायत सचिव व सरपंच पर कार्रवाई नहीं की गई।
ग्राम पंचायत गोरस में वर्ष 2010-11 में नवीन अदिवासी बालक आश्रम के छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत हुआ था। अतिरक्त कक्ष के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत गोरस को निर्माण एजेंसी बनाया गया। इसके लिए आदिम जाति कल्याण विभाग ने 4 लाख 90 हजार रुपए स्वीकृत किए। पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण काम की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण भवन की छत झूलने लगी जिससे दीवारों का प्लास्टर भी निकल गया और भवन गिरने के डर से कक्ष में संचालित कक्षाएं बंद करना पड़ी।
छज्जा टूटा तो बदना पड़ा भवन
गोरस के नवीन आदिवासी बालक आश्रम का अतिरिक्त कक्ष में जैसे ही कक्षाएं लगाना शुरू हुई, तो कुछ माह बाद छज्जा टूटकर गिर पड़ा। ऐसे में आश्रम अधीक्षक ने भवन में अध्ययनरत छात्रों को पुराने आश्रम भवन में शिफ्ट कर दिया। आश्रम अधीक्षक कुंअरलाल गौड का कहना है कि हादसा न हो इस कारण बच्चों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया।
इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में नही है। फिर भी आपने बताया है तो पूरे मामले की जांच स्वयं की निगरानी में कराता हूं। जांच में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
एसएस भटनागर
जनपद सीईओ, कराहल