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चैकडेम का भुगतान होना था 14 लाख 98 हजार, कर दिया 15 लाख 19 हजार

locationश्योपुरPublished: Jul 08, 2020 10:45:07 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– मामला विजयपुर जनपद की कदवई पंचायत का- स्वीकृत राशि से 21 हजार रुपए ज्यादा कर दिया भुगतान

चैकडेम का भुगतान होना था 14 लाख 98 हजार, कर दिया 15 लाख 19 हजार

चैकडेम का भुगतान होना था 14 लाख 98 हजार, कर दिया 15 लाख 19 हजार

विजयपुर
जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद भी जिम्मेदार अफसर चुप्पी साधकर बैठे हैं। यही वजह है कि पंचायत के सरपंच से लेकर सचिव और ठेकेदार सब गड़बड़झाले में लिप्त हैं। ऐसा ही एक मामला कदवई पंचायत में सामने आया है। यहां महाराज सिंह के खेत के पास ग्राम धौरेरा में 14 लाख 98 हजार रुपए चैकडैम के लिए स्वीकृत हुए, लेकिन जब भुगतान हुआ तो सांठगांठ कर 15 लाख 19 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया। नियम अनुसार इस तरह का मामला वित्तीय अनियमितता में आता है। बावजूद इसके इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ।
खासबात है कि 21 हजार से अधिक का भुगतान किए जाने के बाद भी न तो ढंग का चैकडैम बना और न ही मजदूरों को मजदूरी दी गई। इतना ही नहीं चैकडेम बनाए जाने के दौरान मजदूरी और मटेरियल का औसत भी उल्टा रहा। 60 फीसदी मजदूर और 40 फीसदी मटेरियल लगाए जाने की जगह 40 फीसदी मजदूर और 60 फीसदी मटेरियल का उपयोग किया गया। यानि मजदूरों को काम मिला ही नहीं। चैकडेम का काम मशीनों से कराया गया। इसकी शिकायत भी हुई, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
अलग फर्म बनाकर निकाल लिया पैसा
चैकडेम को जल्द पूरा करने के उद्देश्य से मजदूरों से मजदूरी कराए जाने की बजाय मशीनों का उपयोग कर काम पूरा कर लिया गया। इतना ही नहीं एक अलग फर्म बनाकर पंचायत के नुमाइंदों से साठगांठ कर पैसा भी निकाल लिया गया। काम पूरा होने के बाद सब इंजीनियर द्वारा मूल्यांकन भी किया जाता है, लेकिन उसने भी गड़बड़ी पर ध्यान नहीं दिया। वहीं जनपद पंचायत में काम का भुगतान कर दिया गया। किसी भी कार्य का भुगतान चैक नहीं किया गया। भुगतान किए जाने के दौरान 21 हजार रुपए ज्यादा भुगतान कर दिया गया।
इन पंचायतों में ज्यादा गड़बड़झाला
गसवानी , सहसराम , गोपालपुर , गोहरा , गोहटा , खितरपाल , इकलोद , अगरा , पिपरवास , आरोदा , चिमलवानी , बढौदाकला , सारंगपुर , नेहरखेडा , गांवडी , मैदावली , बैनीपुरा , अर्रोद , चैंटीखेडा , ववनवास , धामिनी , मेवरा , रनावद ,ऊपचा , काठौन , पचनया ,दौर्द सहित पांच दर्जन पंचायतों में सबसे ज्यादा गड़बड़ की जा रही है। यहां न तो नरेगा के अंतर्गत मजदूरों को मजदूरी मिल रही और कागजों में मजदूर काम कर उन्हें भुगतान भी किया जा रहा है।
हर पंचायत में निर्माण कार्य की अलग एजेंसी
वैसे तो हर पंचायत में किसी भी निर्माण कार्य के लिए एक या दो एजेंसी ही काम कर सकती हैं। क्योंकि एक एजेंसी से लोहा यानि सरिया सीमेंट और गिट्टी ले सकते हैं वो भी जीएसटी सहित लेकिन गड़बड़ी के लिए सरपंच सचिव ने हर पंचायत में हर एक निर्माण कार्य की एक अलग एजेंसी खड़ी कर रखी है। ऐसा इसलिए जिससे फर्जी बिल बनाकर भुगतान कर राशि हड़प ली जाए। जानकार बताते हैं कि एक चैकडैम निर्माण कार्य में तीन लाख रुपए ही खर्च हो पाते हैं, लेकिन हर कार्य के लिए एक नई एजेंसी खड़ी कर भुगतान भी बढ़ा दिया जाता है।
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