जिले के गसवानी स्थित एसबीआई शाखा पर किसानों ने किस्त को लेकर हंगामा कर दिया। दरअसल केन्द्र सरकार से मिलने वाली पीएम सम्मान निधि पर शाखा प्रबंधक द्वारा रोक लगा दी गई। इस मामले को लेकर जब बेंक प्रबंधक से जानकारी चाही गई तो प्रबंधक ने कहा सब ऊपर से है मेरे हाथ में कुछ नहीं है। इसके बाद मंडल अध्यक्ष ने विजयपुर नायब तहसीलदार रेखा कुशवाह से बात की।
नायब तहसीलदार से प्रबंधक की मोबाइल पर बात कराई लेकिन प्रबंधक ने उनकी बात को यह कहते हुए अनसुना कर दिया गया कि आपके कहने से निधि नहीं दे सकता। अगर खातों से रोक हटानी है तो क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्राचार करना होगा। इस एसबीआइ शाखा के अंतर्गत एक सैंकडा से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनके खाते पर पुराना कर्ज बताकर रोक लगा दी गई है जबकि किसानों का कहना है अगर हमारे पास या हमारे पिता के पास बैंक का कर्ज था तो अब तक क्यों नहीं बताया और किसान सम्मान निधि क्यों नहीं रोकी आखिरी माह के बाद एक जनवरी को जो किश्त केन्द्र सरकार से डाली गई उस पर ही रोक लगाई गई है।
एक सेंकड़ा से ज्यादा खाते पर लगी रोक
एक सैंकड़ा से ज्यादा किसान खातेधारकों के खातों पर रोक लगाई गई है उनमें गसवानी, बढ़ौदाकला, कींजरी, सारंगपुर, सिमरई, हीरापुरा, बढ़ौदा खुर्द सहित एक दर्जन गांवों के किसान शामिल हैं। संबंधित शाखा प्रबंधक द्वारा तहसीलदार विजयपुर एसआर वर्मा ने बताया कि अगर किसानों के खाते में सम्मान निधि को रोक दिया गया है तो यह गलत है क्योंकि केन्द्र या राज्य कहीं की भी सम्मान निधि को खाते से निकालने से नहीं रोक सकते हैं और अगर इस तरह रोका है हम बात कर संबंधित शाखा प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई को लिखेंगे ।
गसवानी शाखा के बैंक प्रबंधन ने बताया है कि हमने निजी तौर पर किसी के भी खाते पर रोक नहीं लगाई है जैसे-जैसे खातेधारकों के खाते केवाईसी से जुड रहे हैं ऊपर से ही स्वत: रोक लग रही है इसमें हम क्या कर सकते हैं | अगर खातेधारक को कोई परेशानी है तो वह क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है। भाजपा नेता रिन्कू शर्मा ने कहा है कि प्रबंधक का रवैया किसानों के प्रति गैर जिम्मेदाराना है जिसको लेकर मैंने जब नायब तहसीलदार से फोन पर बात कराई तो प्रबंधक ने नायब तहसीलदार की बात को हलके में लिया। न ही समस्सा के निपटारे के संबंध में कोई बात कही।