पांच साल पहले ग्राम पंचायत सिलपुरी के ग्राम बलीहरा के प्राथमिक विद्यालय में एक किचन शेड का निर्माण ग्राम पंचायत ने कराने के लिए काम शुरू किया, लेकिन निर्माणधीन किचन शेड अब तक पूरा नहीं हो सका है। किचन शेड का काम अब भी अधूरा पड़ा है। साझा चूल्हा में खाना बनाने वाली महिलाएं स्कूल के बाहर खुले में खाना बनाती हैं। खाना बनाने का सामान हर दिन इधर-उधर रखना पड़ता है। मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए तय स्थान नहीं होने से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। किचन शेड को लेकर समूह की महिलाएं कई बार शिकायत कर चुकी है, लेकिन अधूरा निर्माण पूरा नहीं हो सका।
कागजों में तैयार हुआ रसोईघर का काम
प्राथमिक विद्यालय का रसोईघर ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच ने अधूरा छोड़ दिया। जबकि कागजों में इसे तैयार बताया गया है। रसोईघर निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के साथ घटिया निर्माण कराए जाने की शिकायत भी ग्रामीण दर्ज कर चुके हैं। किचन शेड में निर्माण कार्य के दौरान दरवाजा व गेट तक नहीं लगाए गए।
खुले में बनाना पड़ता है खाना
किचन शेड का के अधूरे निर्माण के चलते पिछले पांच साल से खाना बनाने वाली महिलाएं स्कूल के बाहर खुले में खाना पकाती हैं। महिलाएं कई बार अफसरों को शिकायत दर्ज करा चुकी हैं, लेकिन उनकी शिकायत को अनसुना किया जा रहा है। बरसात के समय खाना पकाने में काफी परेशानी होती है। ऐसे में जगह की जुगाड़ कर खाना पकाना पड़ता है।
अधूरा पड़ा रसोईघर शुरू नहीं हो पाया उपयोग
स्कूल में किचनशेड के लिए प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। किचनशेड के लिए शासन ने राशि स्वीकृत कर दी और राशि जारी करते हुए निर्माण का आदेश भी दे दिया गया है लेकिन अधूरे निर्माण के कारण इसका उपयोग शुरू नहीं हो पाया है। किचनशेड के अभाव में प्रबंधन व मध्यान्ह भोजन संचालित करने वाली समूह वैकल्पिक व्यवस्था में बच्चों का भोजन पका रहे हैं।
वर्जन
जिस पंचायत सचिव ने उस समय निर्माण कार्य कराया था उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर कागजों में रसोई घर को पूरा किया गया है, तो उसकी जांच करा लेते हैं।
एसएस भटनागर
जनपद सीईओ, कराहल
कागजों में तैयार हुआ रसोईघर का काम
प्राथमिक विद्यालय का रसोईघर ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच ने अधूरा छोड़ दिया। जबकि कागजों में इसे तैयार बताया गया है। रसोईघर निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के साथ घटिया निर्माण कराए जाने की शिकायत भी ग्रामीण दर्ज कर चुके हैं। किचन शेड में निर्माण कार्य के दौरान दरवाजा व गेट तक नहीं लगाए गए।
खुले में बनाना पड़ता है खाना
किचन शेड का के अधूरे निर्माण के चलते पिछले पांच साल से खाना बनाने वाली महिलाएं स्कूल के बाहर खुले में खाना पकाती हैं। महिलाएं कई बार अफसरों को शिकायत दर्ज करा चुकी हैं, लेकिन उनकी शिकायत को अनसुना किया जा रहा है। बरसात के समय खाना पकाने में काफी परेशानी होती है। ऐसे में जगह की जुगाड़ कर खाना पकाना पड़ता है।
अधूरा पड़ा रसोईघर शुरू नहीं हो पाया उपयोग
स्कूल में किचनशेड के लिए प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। किचनशेड के लिए शासन ने राशि स्वीकृत कर दी और राशि जारी करते हुए निर्माण का आदेश भी दे दिया गया है लेकिन अधूरे निर्माण के कारण इसका उपयोग शुरू नहीं हो पाया है। किचनशेड के अभाव में प्रबंधन व मध्यान्ह भोजन संचालित करने वाली समूह वैकल्पिक व्यवस्था में बच्चों का भोजन पका रहे हैं।
वर्जन
जिस पंचायत सचिव ने उस समय निर्माण कार्य कराया था उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर कागजों में रसोई घर को पूरा किया गया है, तो उसकी जांच करा लेते हैं।
एसएस भटनागर
जनपद सीईओ, कराहल