बताया गया है कि आदिवासी विकासखंड कराहल के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ता, सहायिका व मिनी कार्यकर्ता की भर्ती हुई। जिसके लिए पूर्व में अनंतिम सूची जारी की और दावे-आपत्ति मांगे गए। इन्हीं दावे-आपत्ति के निराकरण के लिए बुधवार को जिला पंचायत में निराकरण समिति की बैठक होनी थी, लेकिन जब तक दावे-आपत्ति करने वाली अभ्यर्थी पहुंची, तब तक अचानक बैठक स्थगित कर दी गई। हालांकि इसके बाद कुछ लोग जिपं सीइओ से भी मिले, लेकिन बात नहीं बनी तो कार्यालय के बाहर हंगामा किया। इस दौरान अनंतिम सूची से वंचित अभ्यर्थियों ने आरोप भी लगाया कि हमारे गांव में जिस महिला का चयन हुआ है, वो गांव में रहती ही नहीं है। लिहाजा भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। अब निराकरण समिति भी हमारे दावे-आपत्तियों पर गौर नहीं कर रही है। काफी देर तक हंगामा करने के बाद महिलाएं व परिजन वापिस लौट गए।
गांव की वोटर लिस्ट में नाम भी नहीं, फिर भी चयन
हंगामा-प्रदर्शन के दौरान मौजूद चकसेमल्दा की खुशबू गुर्जर ने बताया कि सूची में मेरा नाम दूसरे स्थान पर है, जबकि किसी मीना नाम की महिला का चयन हुआ है, वेा तो गांव में रहती भी नहीं और वोटरलिस्ट में भी नहीं है। कुछ इसी प्रकार की शिकायत सोनीपुरा, नयागांव लाखा, मसावनी, धावा आदि की प्रतीक्षा सूची में शामिल महिलाओं ने की।
वर्ष 2018 में 38 पदों पर हुई भर्ती
बताया गया है कि कराहल ब्लॉक में कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी कार्यकर्ता की भर्ती के लिए वर्ष 2018 में विज्ञाप्ति जारी की गई और विभिन्न गांवों में रिक्त पड़े पदों पर 14 कार्यकर्ता और 2 मिनी कार्यकर्ताओं के साथ 22 सहायिकाओं की भर्ती की गई और खंडस्तरीय समिति द्वारा अनंतिम सूची जारी गई। इसी पर दावे-आपत्ति की निराकरण समिति की बैठक कई महीनों से नहीं हो पाई है।