मामले के मुताबिक कलेक्टर बसंत कुर्रे और एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने बुधवार की सुबह बसस्टैँड के पीछे बाल शिक्षा केंद्र के शुभारंभ पर पहुंचे थे। दोनों अफसर जब वापिस लौट रहे थे, तभी एक यात्री बस से बड़े-बड़े बोरे और कॉर्टन उतारे जा रहे थे। जिन्हें देखकर उन्होंने गाड़ी रोक ली और पूछताछ की तो हम्माल व व्यापारी भाग खड़े हुए। इसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार को कार्यवाही के निर्देश दिए। तहसीलदार भरत नायक ने मौके पर पहुंचकर पुलिस की मदद से पूरा सामान कोतवाली पर रखवाया। जब बोरे और कॉर्टन खुलवाए तो उसमें कुछ कपड़े व अन्य सामान था, लेकिन आठ कॉर्टन में पीले कलर के डिब्बे थे, जिसमें पूजा और दीपक लगाने का घी बताया गया। लेकिन बताया गया कि इस घी को व्यापारी लोगों को खाने के लिए भी खपाते हैं। यही वजह है कि बाद में कोतवाली पर पहुंचे व्यापारी को बाकी सामान तो दो दिया गया, लेकिन इस नकली घी के डिब्बे जब्त कर लिए। जब्त किए गए घी 108 किलो मात्रा में पाया गया। जब्ती की कार्यवाही के बाद सभी कॉर्टन कोतवाली में रखवा दिए गए।