श्योपुर

कुपोषित बच्ची को भर्ती करने के बजाय मायके चली गई मां, जानिए क्यों?

काउंसलिंग के बाद भर्ती कराने हुई राजी, कराहल के आवदा सेक्टर बर्धा खुर्द का मामला
 
 

श्योपुरDec 13, 2019 / 11:50 pm

Vivek Shrivastav

कुपोषित बच्ची को भर्ती करने के बजाय मायके चली गई मां, जानिए क्यों?

कराहल(श्योपुर). कराहल के आवदा सेक्टर बर्धा खुर्द में अतिकुपोषित बच्ची को एनआरसी में भर्ती के डर से मां बच्ची को लेकर मायके चली गई। दरअसल बच्ची दुर्गा के गिरते स्वास्थ्य को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्रोथ मॉनिटर ने बच्ची को एनआरसी में भर्ती करने की समझाइश मां कुंती को दी। जब वह भर्ती करने को राजी नहीं हुई, तो उसे पुलिस बुलाने की धमकी दी गई। इससे डर कर वह बच्ची को लेकर मायके चली गई।
कुपोषित बच्ची दुर्गा की हालत खराब होने के चलते ग्रोथ मॉनिटर कुंती आदिवासी के पास लहरोनी पहुंच गए और उसे बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए फिर समझाया। करीब दो घंटे की काउंसलिंग के बाद कुंती अपनी बेटी दुर्गा को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए राजी हुई। ग्राम बर्धा से कुंती अपने मायके ग्राम लहरोनी में पलायन कर गई। इसकी सूचना सेक्टर सुपरवाइजर आवदा द्वारा सेक्टर परतवाड़ा के ग्रोथ मॉनिटर चेतन गुप्ता को दी गई।
सुपरवाइजर की सूचना के बाद ग्रोथ मॉनिटर चेतन गुप्ता, ग्रोथ मॉनिटर मनोज शर्मा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति जादौन के साथ लहरोनी पहुंचे और कुंती को समझाइश देकर राजी किया। वहीं ग्राम पनबाड़ा में एक बालिका रानी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुधा सिसोदिया ने तेज बुखार होने पर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कराहल में भर्ती कराया।
माता-पिता को दो घंटे दी समझाइश

परियोजना कराहल के सेक्टर बुढेरा के आंगनबाड़ी केंद्र कररई में अतिकम वजन के बच्चों को ग्रोथ मॉनिटर ने घर-घर जाकर देखा। ऐसे में एनआरसी में भर्ती होने वाले बच्चों के माता-पिता को ग्रोथ मॅानिटर गोविंद जाट, धीरज राठौर ने समझाइश दी। दो से तीन घंटे की समझाइश के बाद माता-पिता बच्चों को एनआरसी में भर्ती करने के लिए तैयार हुए। इसके बाद 108 बुलाकर उन्हें एनआरसी के लिए भेजा गया।
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