मंदिर की जमीन पर बिना कलक्टर की अनुमति के बनाए गए श्रीनाथ पैलेस गार्डन को प्रशासनिक अधिपत्य में लेने के आदेश 7 मार्च को कलक्टर न्यायालय से आदेश जारी हुआ था। इसी के तहत 9 मार्च को प्रभारी एसडीएम यूनिस कुर्रेशी व अन्य अफसर गार्डन को सील करने पहुंचे, लेकिन उस दिन शादी होने के चलते दो दिन का अग्रिम अधिपत्य लेकर वापिस आ गए। इसके बाद सोमवार को सुबह 9 बजे के आसपास एसडीएम कुर्रेशी, डिप्टी कलक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह, पटवारी विनोद शर्मा, पुरुषोत्तम राठौर आदि पहुंचे, लेकिन इस दौरान गार्डन संचालक ने सामान निकालने की अनुमति मांगी।
सामान निकालने की कार्यवाही के बीच अफसरों ने गार्डन के कुछ हिस्से को सील भी कर दिया, लेकिन दोपहर 2 बजे के आसपास गार्डन संचालक के अभिभाषक के रूप में बार के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह भदौरिया पहुंचे और उन्होंने कमरों से एसी व अन्य इलेक्ट्रोनिक सामान निकालने के लिए कुछ घंटों का समय मांगा। जिस पर एसडीएम कुर्रेशी ने पौने पांच बजे तक का समय दे दिया। बताया गया है कि इसी बीच शाम 4 बजे के आसपास कलक्टर न्यायालय के आदेश के विरुद्ध में कमिश्नर कोर्ट मुरैना से स्टे मिल गया, जिसकी कॉपी लेकर अभिभाषक भदौरिया फिर पहुंच गए। यही वजह रही कि गार्डन को सील्ड करने के लिए 10 घंटे से गार्डन में डटे अफसर शाम 7 बजे के आसपास खाली हाथ लौट गए। कार्यवाही के दौरान श्योपुर एसडीएम कुर्रेशी की थोड़ी ढिलाई दिखी और वे संबंधितों को बार-बार समय देते रहे।
पटवारी से बोले बार अध्यक्ष-नौकरी करना सिखा देंगे
प्रशासन द्वारा गार्डन सील करने की कार्यवाही के दौरान दोपहर 2 बजे जिला अभिभाषक संघ श्योपुर के अध्यक्ष योगेंद्र भदौरिया गार्डन संचालक की पैरवी के लिए पहुंचे। चूंकि इस दौरान एसडीएम कुर्रेशी वहां से चले गए थे, लिहाजा डिप्टी कलक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह व पटवारीगण खड़े। भदौरिया ने इनसे जाकर कहा कि आप लोग सामान अपने अधिपत्य में ले रहे हैं तो उसकी पावती कौन देगा। यही नहीं भदौरिया ने तैश खाते हुए कहा कि आप लोगों ने बिना किसी नोटिस से ये कार्यवाही की है, जो गलत है। उन्होंने श्योपुर पटवारी पुरुषोत्तम राठौर से मुखाबित होते हुए कहा कि अब भाजपा की सरकार नहीं, कांग्रेस की सरकार है। अब ये नहीं चलेगा, नौकरी करना सिखा देंगे। इस दौरान भदौरिया ने डिप्टी कलक्टर डीपी सिंह से भी बहस की।